म्यांमार के संकंट ने बढ़ाई भारत की मुश्किलें, ये नया देश उभरने के संकेत तो नहीं?

म्यांमार के संकंट के चलते भारत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. धीरे धीरे म्यांमार विरोधियों के हाथों अपने शहर खो रहा है. इससे नजर देश उभरने के संकेत मिल रहे हैं. म्यांमार का संकट न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक प्रभाव डाल सकता है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

वर्तमान में म्यांमार गंभीर संकट का सामना कर रहा है. यह संकट गृह युद्ध की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. ऐसे में भारत और चीन दोनों ही अपनी महत्वपूर्ण निवेशों की सुरक्षा को लेकर सक्रिय हैं, क्योंकि म्यांमार का संकट न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक प्रभाव डाल सकता है.

म्यांमार की सेना के पास तीन स्थानों पर नियंत्रण बचा

यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान (ULA) और उसकी सैन्य शाखा, अराकान आर्मी, एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना के लिए संघर्ष कर रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अराकान आर्मी ने म्यांमार के रखाइन राज्य के 18 में से 15 शहरों पर कब्जा कर लिया है, जबकि म्यांमार की सेना के पास अब केवल तीन स्थानों पर नियंत्रण बचा है, जैसे सित्तवे बंदरगाह, क्यौकफ्यू बंदरगाह और मरौक-यू शहर.

 

यदि विद्रोही गुट रखाइन राज्य पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने में सफल हो जाते हैं और स्वतंत्रता की घोषणा करते हैं तो वे भारत की सीमा के पास एक नया राष्ट्र स्थापित कर सकते हैं. यह 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद से एशिया का पहला सफल अलगाववादी सैन्य अभियान होगा. वहीं, चीन ने आंतरिक मुद्दों के समाधान के लिए राजनीतिक बातचीत की बात कही है और सैन्य उपायों को हतोत्साहित किया है.

माउंगडॉ शहर पर कब्जा

अराकान आर्मी ने बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर माउंगडॉ शहर पर कब्जा कर लिया है. इसके साथ ही, उन्होंने भारत और चीन से यह वादा किया है कि वे दोनों देशों के विदेशी निवेशों की सुरक्षा करेंगे. अराकान आर्मी का उद्देश्य एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है, लेकिन इसके लिए उन्हें एशिया और पश्चिमी देशों की मान्यता प्राप्त करना बेहद कठिन होगा.

calender
09 January 2025, 06:42 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो