European Space Agency: क्या पृथ्वी के बाद किसी अन्य ग्रह पर जीवन है? इस विषय को लेकर जिज्ञासा ख़त्म नहीं हुई है. अब कहा जा रहा है कि अमेरिका में एक बप्लेकी ने एक साल तक मंगल ग्रह से आए एक संदेश का अध्ययन कर इस कठिन कार्य को पूरा किया है. इस पिता बेटी ने एक साल पहले मंगल ग्रह से आए एक रहस्यमय संदेश को डिकोड किया था. इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की थी. इस संदेश का डेटा एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आम जनता के लिए भी उपलब्ध कराया गया था. इस क्षेत्र के विकास में रुचि रखने वाले आम जनता के शोधकर्ताओं ने चुनौती स्वीकार की और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया. लेकिन पिता बेटी की जोड़ी ने सबसे ज्यादा कमाल किया.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईएसए और आईएनएएफ ने मंगल ग्रह से संकेतों को डिकोड करने के लिए एक नागरिक वैज्ञानिक प्रतियोगिता भी आयोजित की. लेकिन केन और केली ने पिछले 22 अक्टूबर को इस रहस्यमय सिग्नल को डिकोड कर लिया. इसके लिए उन्हें हजारों घंटे रिसर्च करनी पड़ी. कई प्रयोग करने होंगे.
इस पिता बेटी की जोड़ी को इस रहस्यमय संकेत में एक जैविक संदर्भ मिला. वहां सफेद बिंदु और रेखाएं थीं. इसकी पृष्ठभूमि काली थी. इससे वे कोशिकाएं बना रहे हैं. इसका अर्थ है जीवन का निर्माण. सिग्नल में पांच अमीनो एसिड शामिल थे. जो ब्रह्मांड में जीवन के निर्माण को दर्शाते हैं. सिग्नल क्रैक करने के बावजूद, केन और केली इस गुप्त संदेश का अर्थ समझने में असमर्थ हैं.
हाल ही में इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ के पुराने इंटरव्यू का हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. क्या आप अन्य जीवन रूपों के बारे में जानने को उत्सुक हैं? ऐसा सवाल इंटरव्यूअर ने पूछा था. इस पर उन्होंने हां में जवाब दिया. उनसे यह सवाल भी पूछा गया कि आपको इनमें से कौन सा सबसे ज्यादा अच्छा लगता है. दो संभावनाएं हैं या तो वे आपसे अधिक उन्नत हैं या वे नहीं हैं.
सोमनाथ ने कहा कि हो सकता है कि उनसे पहले भी किसी जीव का जन्म हुआ हो और वे पृथ्वी पर भी आए हों. इससे आगे निकल चुके जीवन रूपों को हम भले ही चींटी की तरह दिखें, वे भी हमारी प्रगति देख रहे हैं जैसे हमें ऑक्सीजन की जरूरत है. यह साक्षात्कार इस सुझाव के लिए भी आलोचना का शिकार हुआ कि वे मीथेन गैस के संपर्क में आए होंगे. First Updated : Wednesday, 13 November 2024