सुनीता विलियम्स की वापसी पर NASA बनाएगा प्लान, जान लें 3 बड़े खतरे
NASA NEWS: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर अंतरिक्ष में फंसे हैं. खराबी के चलते 80 दिनों से उनका स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन से पास आने का इंतजार कर रहा है. इस बीच NASA ने इस विषय में चर्चा के लिए आज यानी 24 अगस्त की तारीख को तय किया है. ये चर्चा लाइव होगा और इसका प्रसारण NASA के सभी हैंडलों पर किया जाएगा. आइये जानते हैं इस मिशन में खतरे क्या-क्या हैं?
NASA News: एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर स्पेसक्राफ्ट में खराबी के कारण अंतरिक्ष में फंसे हैं. वो जून में 8 दिन के लिए अंतरिक्ष पर गए थे. हालांकि, अब उन्हें 80 दिन हो गए. इस बीच उन्हें लाने के तमाम विकल्पों पर चर्चा हो रही है. NASA भी कई प्लान बना रहा है. इस बीच नासा की तरफ से एक अपडेट आया है जिससे सुनीता विलियम्स के धरती लौटने का इंतजार खत्म होता नजर आ रहा है. NASA ने बताया कि आज तय हो जाएगा वो स्टारलाइनर से वापस आएंगी या उनके लिए स्पेसएक्स ड्रैगन का उपयोग किया जाएगा.
सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर नासा ने अपने वेबसाइट पर एक अपडेट जारी किया है. इसमें बताया गया है कि एक्सपर्ट्स, ISS से एस्ट्रोनॉट्स की वापसी को लेकर एनालिसिस कर रहे हैं. 24 अगस्त को ये रिव्यू पूरा होने पर ये बताया जा सकेगा कि सुनीता और विलमोर को स्टारलाइनर से वापस लाया जाएगा या नहीं.
बैकअप प्लान क्या है?
स्टारलाइनर के जरिए विलियम्स और विल्मोर को आठ दिनों के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन से डॉक किया जाना था. कैप्सूल में लीक होने और इसके कुछ थ्रस्टर्स के फेल होने के कारण इसे अब तक करीब 80 दिनों तक खींच लिया गया है. अब इसे वापस लाने के लिए आंकड़ों का एनालिसिस किया जा रहा है. नासा ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन मिशन पर दो सीटें तैयार करवाने के लिए बैकअप योजना तैयार की है. यदि बैकअप प्लान से चलता है तो विल्मोर और विलियम्स फरवरी 2025 में उस मिशन के समापन तक घर नहीं लौटेंगे.
मेन प्लान से आए तो
यदि नासा यह डिसाइड करता है कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित है वो पहले ही घर आ पाएंगे. संभवतः अगले महीने के भीतर ही वे लौट पाएं. हालांकि इसकी संभावना कम है. फिलहाल दुनिया की नजरें सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी पर नासा के प्लान पर टिकी हैं. हालांकि, इस प्लान में भी कुछ खतरें हैं. पहला-सिर्फ 96 घंटे की ऑक्सीजन के साथ स्पेस में फंसना, पृथ्वी के वायुमंडल में न घुस पाना और तीसरा स्पेसक्राफ्ट का जल कर भाप बन जाना.