सरकारी नौकरी या सियासी फायदा? नवाज शरीफ की नियुक्ति पर विवाद तेज
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ को सरकारी नौकरी मिलने की खबर से सियासी भूचाल आ गया है. विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि यह फैसला सियासी लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया है. दूसरी ओर, सत्ताधारी दल इस एप्वाइंटमेंट को नियमों के अनुसार बता रहा है. इस मामले में देश में जबरदस्त बहस छिड़ गई है और आने वाले दिनों में इसके बड़े सियासी परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

इंटरनेशनल न्यूज. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनकी बेटी मरियम नवाज की सरकार में पंजाब प्रांत में नया पद मिला है. तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज अब लाहौर हेरिटेज रिवाइवल प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक बन गए हैं. इसके बाद नवाज शरीफ अब लाहौर में कई औपनिवेशिक युग की इमारतों के नवीनीकरण कार्य की देखरेख करेंगे. पंजाब प्रशासन ने नवाज शरीफ को LAHR का मुख्य संरक्षक नियुक्त किया है. वह लाहौर के पुराने शहर के नवीकरण कार्य की देखरेख करेंगे. इस बीच, नवाज शरीफ को दी गई नई जिम्मेदारी पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष का मजाक उड़ाया है और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने पर बधाई भी दी है.
विपक्ष द्वारा बनाया निशाना
विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाप के वरिष्ठ नेता शौकत बसरा ने गुरुबार को कहा कि नवाज शरीफ 2024 के चुनावों में अपनी पार्टी की करारी हार के बाद से वह सियासत से दूर शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे हैं." इमरान खान का फतवा चुरा लिया गया और नवाज और जरदारी की पार्टियों पीएमएल-एन और पीपीपी को दे दिया गया. अब नवाज की बेटी और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम ने उन्हें कुछ काम सौंपा है. नवाज के स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर होगा कि वे एक सेवानिवृत्त राजनेता के रूप में स्वयं को पुरानी इमारतों के जीर्णोद्धार जैसे कार्यों में व्यस्त रखें.
शरीफ ने क्या कहा?
पाकिस्तानी पंजाब सरकार ने 100 से अधिक इमारतों को ऐतिहासिक धरोहर स्थल के रूप में वर्गीकृत किया है. नवाज शरीफ ने लाहौर की विरासत को बहाल करने के लिए वाल्ड सिटी अथॉरिटी लाहौर से एक व्यापक योजना की मांग की है. नवाज शरीफ ने कहा, 'पुराना लाहौर बहुत खूबसूरत है और इसे उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाना चाहिए.' अपनी खोई हुई विरासत को संरक्षित रखना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है.