Nepal: काठमांडू में हिंसा के बाद हटाया गया कर्फ्यू, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

नेपाल में अधिकारियों ने शनिवार को कर्फ्यू हटा लिया, जो काठमांडू के पूर्वी इलाकों में सुरक्षा बलों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया था. तिनकुने इलाके में शुक्रवार को शुरू हुई अशांति के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई और लोग हताहत हुए.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया कर्फ्यू शनिवार को हटा लिया गया. शुक्रवार को टिंकुने इलाके में भड़के विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया, जिससे शहर के पूर्वी हिस्सों में भारी तबाही मच गई. इस दौरान कई सरकारी और निजी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया, जबकि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ.

प्रदर्शनकारियों ने नेपाल में राजशाही की वापसी और हिंदू राष्ट्र की स्थापना की मांग को लेकर रैली निकाली थी. हालांकि, स्थिति उस वक्त बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने तय क्षेत्र से आगे बढ़ने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच टकराव शुरू हो गया. पुलिस की गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी घायल हुआ, जबकि हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक पत्रकार भी शामिल था.

प्रदर्शन की शुरुआत: कैसे भड़की हिंसा?

नेपाल में शुक्रवार को टिंकुने पार्क क्षेत्र में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के समर्थकों ने प्रदर्शन किया. वे नेपाल में राजशाही की बहाली और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे थे. पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र ने हाल ही में लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर राजशाही समर्थकों से एकजुट होने की अपील की थी, जिससे यह आंदोलन और तेज हो गया. दोपहर करीब 3 बजे प्रदर्शनकारी तय क्षेत्र से आगे बढ़ने लगे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इसी दौरान झड़पें शुरू हो गईं. हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों और मीडिया संस्थानों को निशाना बना लिया.

हिंसा में जान-माल का नुकसान

इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक पत्रकार भी शामिल था, जिसे जिंदा जला दिया गया. इसके अलावा दो राजशाही समर्थकों की भी मौत हो गई.

कुल घायलों की संख्या-

पुलिसकर्मी: 53

अर्धसैनिक बल (APF) के जवान: 22

प्रदर्शनकारी: 35

संपत्तियों को हुआ नुकसान

14 इमारतों में आगजनी

9 इमारतों में तोड़फोड़

9 सरकारी वाहन जलाए गए

6 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया

कांतिपुर टेलीविजन और अन्नपूर्णा मीडिया हाउस पर हमला

सरकार की सख्त कार्रवाई

हिंसा पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार शाम 4:25 बजे से कर्फ्यू लगा दिया, जिसे शनिवार सुबह 7 बजे हटा लिया गया. इस दौरान पुलिस ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल 105 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए प्रमुख नेताओं में, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के महासचिव धवल शमशेर राणा, पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा शामिल है. हालांकि, इस प्रदर्शन के मुख्य आयोजक दुर्गा प्रसाई अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.

नेपाल में राजशाही बनाम लोकतंत्र की लड़ाई

नेपाल की राजनीति में लंबे समय से राजशाही और लोकतंत्र समर्थकों के बीच टकराव जारी है. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी पूरी तरह से राजशाही के खिलाफ है, जबकि राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) देश को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रही है. पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह हाल ही में एक धार्मिक यात्रा के बाद काठमांडू लौटे, जिसके बाद उनके समर्थकों के बीच उत्साह बढ़ गया और यह विरोध प्रदर्शन और हिंसक हो गया.

देखते ही गोली मारने का आदेश

शुक्रवार की हिंसा के बाद नेपाल सरकार ने राजधानी में "देखते ही गोली मारने" (Shoot-at-sight) का आदेश जारी किया ताकि आगे कोई उपद्रव न हो. सड़कों पर सैन्य और पुलिस बल की तैनाती की गई है. सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा है. सीनियर अधिकारी  लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. गृह मंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव और पुलिस प्रमुख ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और सुरक्षा का जायजा लिया.

फिलहाल कैसी है स्थिति

फिलहाल, काठमांडू के प्रभावित इलाकों में शांति बहाल हो गई है, लेकिन प्रशासन अब भी हाई अलर्ट पर है. सुरक्षाबलों की सख्त निगरानी जारी है ताकि किसी भी प्रकार की नई हिंसा को रोका जा सके.

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29 March 2025, 04:07 PM IST

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