Nepal heavy Rain floods: नेपाल में पिछले 24 घंटे में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही मची हुई है. बारिश कहर बनकर लोगों पर बरस रही है. काठमांडू घाटी में बाढ़ से ज्यादा नुकसान हुआ है. अब तक 112 लोगों की जान जा चुकी है और 68 लोग लापता हैं. वहीं 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स और पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह तक कावरेपालन चौक में कुल 34 लोगों के शव मिले हैं. राहत एवं बचाव कार्य जारी है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारी बारिश नेपाल में विनाशकारी बाढ़ देखने को मिल रहा है. जगह-जगह भूस्खलन ने पिछले 24 घंटों में सैकड़ों लोगों की जान ले चुकी है. हिमालयी देश में आई आपदा के कारण लापता हुए 68 लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान जारी है. एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ और भूस्खलन की 200 घटनाएं सामने आई हैं जिसे और बढ़ने की संभावना है.
मानसून के मौसम में दक्षिण एशिया में बारिश से जुड़ी आपदाएं आम बात हैं लेकिन, विशेषज्ञों का दावा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इन आपदाओं की गंभीरता और आवृत्ति बढ़ रही है. शनिवार को नेपाल में 54 सालों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई. 24 घंटे के भीतर 323 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) के अनुसार, मानसून से संबंधित आपदाओं के कारण 412,000 घरों के प्रभावित होने की आशंका के बावजूद, बचाव कार्यों में सहायता के लिए हेलीकॉप्टर और मोटर बोट के साथ 3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
राजधानी काठमांडू के आसपास की नदियां उफान पर हैं, जिससे आस-पास के घर जलमग्न हो गए हैं. काठमांडू की मुख्य नदी बागमती भी भारी बारिश के बाद खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है. सोशल मीडिया पर नेपाल की कुछ तस्वीरे सामने आई है जिसमें लोग अपनी छतो पर खड़े दिखाई दे रहे हैं. सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए गंदे पानी से गुज़रते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बचाव दल को राफ्ट का उपयोग करके बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर खींचते हुए भी दिखाया गया है. First Updated : Sunday, 29 September 2024