चीन में नया मेडिकल चमत्कार: सुअर का लीवर इंसानी शरीर में किया ट्रांसप्लांट!

चीन के अस्पताल में डॉक्टरों ने आनुवांशिक रूप से संशोधित सुअर के लीवर को एक ब्रेन डैड व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया, जो 10 दिनों तक ठीक से काम करता रहा. ये ट्रांसप्लांट मानव चिकित्सा इतिहास में पहली बार हुआ और अगर सफलतापूर्वक जारी रहा, तो ये चिकित्सा में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकता है.

चीन के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने अद्भुत कार्य किया है, जो मेडिकल विज्ञान में एक बड़ी क्रांति का संकेत हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन डॉक्टरों ने आनुवांशिक रूप से संशोधित सुअर के लीवर को एक ब्रेन डैड व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया और ये लीवर करीब 10 दिनों तक सही तरीके से कार्य करता रहा. इस प्रकार के ट्रांसप्लांट को मानव चिकित्सा इतिहास में पहली बार की गई इस तरह की सर्जरी माना जा रहा है. अगर इस प्रक्रिया में सफलता मिलती है, तो ये मानव चिकित्सा के इतिहास में एक नई दिशा की शुरुआत हो सकती है.

ये प्रक्रिया शोध श्रृंखला का हिस्सा है, जो चीन में 2022 से सुअर के अंगों के मानव शरीर में ट्रांसप्लांट पर आधारित है. इसी प्रकार की सर्जरी अमेरिका में भी चल रही है, हालांकि दोनों देशों में ट्रांसप्लांट के बाद कुछ रोगी मर भी गए थे. अब सवाल ये है कि क्या इस प्रकार के अंगों को भविष्य में मानव शरीर में स्थायी रूप से इस्तेमाल किया जा सकेगा?

प्रोफेसर लिन वांग का बयान

चीन के शीआन स्थित झिजिंग अस्पताल में इस ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर प्रोफेसर लिन वांग ने इस अद्भुत सफलता पर अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए किसी सपने जैसा है. ये पहली बार है जब हमने ये जानने की कोशिश की कि क्या सुअर का लीवर इंसानी शरीर के अंदर अच्छे से काम कर सकता है और क्या भविष्य में ये इंसानी लीवर की जगह ले सकता है.

सुअर के अंगों का मानव में ट्रांसप्लांट: एक लंबी प्रक्रिया

चीन में साल 2022 से सुअर के अंगों को मानव शरीर में ट्रांसप्लांट करने पर रिसर्च और परीक्षण किए जा रहे हैं. ये लीवर ट्रांसप्लांट इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है. पिछले कुछ सालों में अमेरिका और चीन में कुछ रोगियों को सुअर के दिल, गुर्दे और थाइमस की ग्रंथि का ट्रांसप्लांट किया गया था. हालांकि, इन प्रक्रियाओं के बाद कुछ मरीजों की मृत्यु भी हुई थी, लेकिन इसके कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाए हैं. इन ट्रांसप्लांट्स को ऐसे रोगियों में किया गया था, जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे.

ट्रांसप्लांट से ठीक होने वाले रोगी

हालांकि कुछ रोगी ऐसे भी थे जिन्होंने सुअर के अंगों के ट्रांसप्लांट के बाद पूरी तरह से ठीक होकर अस्पताल से घर लौटने में सफलता प्राप्त की. जिससे पता चल रहा है कि इस प्रकार के ट्रांसप्लांट्स में भविष्य में सफलता की संभावना हो सकती है. आने वाले समय में इस तकनीक के विकास के साथ ये उम्मीद जताई जा रही है कि अंगों की कमी के कारण कई लोग जो मौत के करीब पहुंच चुके होते हैं, उन्हें एक नई उम्मीद मिल सकती है.

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27 March 2025, 02:02 PM IST

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