बांग्लादेश की सेना में हिजाब का नया नियम, क्या कट्टरपंथियों के आगे झुक गई सरकार?
Hijab In Bangladesh Army: बांग्लादेश की सेना में एक बड़ा बदलाव हुआ है, महिला सैनिकों को अब हिजाब पहनने की अनुमति मिल गई है. यह निर्णय कट्टरपंथियों के दबाव में लिया गया है जो इस्लामीकरण की बढ़ती लहर का संकेत है. पहले सेना में हिजाब पहनना मना था लेकिन अब यह विकल्प खुल गया है. क्या यह कदम बांग्लादेश की सेना की दिशा में एक नया मोड़ साबित होगा? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Hijab In Bangladesh Army: बांग्लादेश की सेना में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है. पहली बार महिला सैनिकों को हिजाब पहनने की अनुमति दी गई है, जो देश में इस्लामीकरण की बढ़ती लहर का संकेत है. इस निर्णय के पीछे कट्टरपंथियों का दबाव और सरकार की नतमस्तकता नजर आ रही है.
बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से इस्लामीकरण की प्रक्रिया तेज हुई है. शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद, समाज में धार्मिक कट्टरता के संकेत बढ़ने लगे हैं. ऐसे में अब बांग्लादेश की सेना भी इस बदलाव से अछूती नहीं रही है. दरअसल पहले सेना में महिलाओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब यह नियम बदल गया है.
नए निर्देशों का आगाज
एडजुटेंट जनरल कार्यालय से जारी किए गए आदेश के अनुसार, महिला सैनिकों को अब हिजाब पहनने का विकल्प दिया गया है. 3 सितंबर को एक सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा की गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार महिला अफसरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सैन्यकर्मियों पर हिजाब पहनने का जो प्रतिबंध था उसे हटा दिया गया है. अब यदि कोई महिला सैनिक हिजाब पहनना चाहती है तो वह इसे अपनी वर्दी के साथ पहन सकती है.
हिजाब के नियम और नमूने
बांग्लादेश की सेना ने यह भी तय किया है कि अलग-अलग प्रकार की वर्दियों के साथ हिजाब के नमूने भी तैयार किए जाएंगे. इन नमूनों में फैब्रिक, रंग और माप का ध्यान रखा जाएगा. महिला सैन्यकर्मियों को हिजाब पहनने के रंगीन फोटो संबंधित विभाग में 26 सितंबर तक भेजने के लिए कहा गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि अब हिजाब पहनने की प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया गया है.
महिला सैनिकों की सेना में भूमिका
बांग्लादेश की सेना में महिलाओं की भर्ती की प्रक्रिया 1997 में शुरू हुई थी. साल 2000 में पहली बार महिलाएं सेना में अफसर बनीं और 2013 में वे सैनिक के रूप में शामिल हुईं. हालांकि अभी भी महिलाएं कुछ खास क्षेत्रों में अफसर नहीं बन सकती हैं जैसे कि पैदल सेना और आर्मर कोर. यह बदलाव उस दिशा में एक कदम है जहां महिलाएं और अधिक स्वतंत्रता के साथ सेना में अपनी भूमिका निभा सकेंगी.
धार्मिक मान्यताओं का प्रभाव
बांग्लादेश की सेना में हिजाब पहनने की अनुमति से यह साफ हो गया है कि देश में धार्मिक मान्यताओं का प्रभाव बढ़ रहा है. हालांकि यह निर्णय महिला सैनिकों के लिए एक नई स्वतंत्रता प्रदान करता है लेकिन यह भी दर्शाता है कि सरकार कट्टरपंथियों के सामने किस तरह से झुक रही है. आगे क्या होगा यह देखना होगा, लेकिन यह बदलाव बांग्लादेश के समाज और सेना की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.