पहले बेरहमी से पीटा फिर जिंदा जलाया... नाइजीरिया में मॉब लिंचिंग की खौफनाक वारदात

नाइजीरिया के एडो राज्य के उरोमी इलाके में शुक्रवार (28 मार्च) को भीड़ ने 16 लोगों को अपहरण के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला. इनमें से कुछ को जलते हुए टायर पहनाकर जिंदा जला दिया गया. यह घटना तब हुई जब स्थानीय सुरक्षा कर्मियों ने इन लोगों की गाड़ी रोककर तलाशी ली, जहां से देसी हथियार बरामद हुए. इसके बाद भीड़ ने हिंसक हमला कर दिया.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

नाइजीरिया में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां भीड़ ने अपहरण के संदेह में 16 लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. इनमें से कुछ लोगों को जलते हुए टायर पहनाकर जिंदा जला दिया गया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

शुक्रवार (28 मार्च) को दक्षिणी नाइजीरिया के एडो राज्य के उरोमी इलाके में यह भयावह घटना घटी. उत्तर के रहने वाले इन लोगों को स्थानीय सुरक्षा कर्मियों ने रोका और उनकी गाड़ी की तलाशी ली. तलाशी के दौरान उनके पास देसी हथियार पाए गए, जिससे संदेह और बढ़ गया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और कुछ को जिंदा जलाकर मार डाला. इस क्रूरता के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया.

भीड़ की हिंसा ने फिर ली निर्दोषों की जान

नाइजीरिया में भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. 2024 में एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में देश में भीड़ के हमलों में भारी इजाफा हुआ है. दक्षिणी नाइजीरिया में अक्सर चोरी और जादू-टोने के आरोप में लोग भीड़ का शिकार बनते हैं, जबकि उत्तरी नाइजीरिया में ईशनिंदा के आरोपों पर हिंसा देखने को मिलती है.

भीड़ के हमले में बचे 10 लोग

एडो पुलिस के प्रवक्ता मोसेस यामू के अनुसार, इस भयावह हमले में 10 लोगों को किसी तरह बचा लिया गया, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए. पुलिस ने इस मामले में 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सरकार का कड़ा रुख

एडो राज्य के गवर्नर मंडे ओकपेभोहो खुद घटनास्थल पर पहुंचे और दोषियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया. गवर्नर के प्रतिनिधि सोलोमन ओसाघाले ने कहा, "किसी को भी किसी की जान लेने का अधिकार नहीं है. कानून को अपने हाथ में लेना एक जघन्य अपराध है, और इसके दोषियों को दंडित किया जाएगा."

सोशल मीडिया पर आक्रोश

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर गुस्से का माहौल है. खासतौर पर उत्तरी नाइजीरिया के राजनेताओं ने इस बर्बरता की कड़ी निंदा की है. इससे पहले 2012 में भी नाइजीरिया के पोर्ट हरकोर्ट विश्वविद्यालय के चार छात्रों को भीड़ ने गलत आरोप लगाकर मार डाला था. तब इस घटना ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन और न्यायिक व्यवस्था को लेकर बहस छेड़ दी थी. अब एक बार फिर यह घटना नाइजीरिया की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग भीड़ के गुस्से का शिकार होते रहेंगे.

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29 March 2025, 12:27 PM IST

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