Nobel Prize 2023: नरगिस मोहम्मदी को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार, स्वीडिश अकादमी ने की घोषणा
Nobel Prize 2023: स्वीडिश अकादमी ने साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को दिया गया है.
Nobel Prize 2023: स्वीडिश अकादमी ने साल 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को दिया गया है. नरगिस मोहम्मदी को यह अवॉर्ड ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी लड़ाई और मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है. बता दें कि नोबेल पुरस्कार दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है.
इससे पहले गुरुवार, (5 अक्टूबर) को नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे को साहित्य क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया. जॉन फॉसे को उनके नए नाटकों और गद्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो अनकही को आवाज देते हैं.
पुरस्कार देने वाली अकादमी ने क्या कहा?
अकादमी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “उनके बहादुरीपूर्ण संघर्ष के लिए जबरदस्त व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ी है. कुल मिलाकर, शासन ने उन्हें 13 बार गिरफ्तार किया, पांच बार दोषी ठहराया, और कुल 31 साल जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई. जैसा कि मैं बोल रहा हूं, मोहम्मदी अभी भी जेल में हैं.''
BREAKING NEWS
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 6, 2023
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2023 #NobelPeacePrize to Narges Mohammadi for her fight against the oppression of women in Iran and her fight to promote human rights and freedom for all.#NobelPrize pic.twitter.com/2fyzoYkHyf
'मौलिक अधिकारों की रक्षा के अधिकार को बढ़ावा दिया है'
अकादमी ने कहा कि, शांति पुरस्कार विजेता अपने घरेलू देशों में नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं और उन्होंने कई वर्षों तक सत्ता की आलोचना करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के अधिकार को बढ़ावा दिया है. इसमें कहा गया है, "उन्होंने युद्ध अपराधों, मानवाधिकारों के हनन और सत्ता के दुरुपयोग का दस्तावेजीकरण करने का उत्कृष्ट प्रयास किया है... साथ में वे शांति और लोकतंत्र के लिए नागरिक समाज के महत्व को प्रदर्शित करते हैं."
2022 में किसे मिला था नोबेल शांति पुरस्कार?
2022 में नोबेल शांति पुरस्कार बेलारूस के मानवाधिकार अधिवक्ता एलेस बायलियात्स्की, रूसी मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेनी मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को दिया गया था.