नोबेल शांति पुरस्कार 2024: किसके सिर सजेगा ताज? जानें संभावित विजेता!

Nobel Peace Prize 2024: इस साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कई प्रमुख नाम सामने आए हैं, जिनमें UNRWA, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस शामिल हैं. सट्टेबाजों ने मृत रूसी नेता एलेक्सी नवलनी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर भी दांव लगाए हैं. लेकिन क्या इस बार कोई भी पुरस्कार नहीं मिलेगा? जानें पूरी कहानी में!

JBT Desk
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Nobel Peace Prize 2024: हर साल की तरह इस साल भी नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में कई नाम सामने आए हैं. 2024 के संभावित उम्मीदवारों में गाजा और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों के चलते नामों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस बार संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (UNRWA), अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के नाम चर्चा में हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के पुरस्कार के लिए UNRWA एक मजबूत उम्मीदवार हो सकता है. दरअसल यह एजेंसी गाजा में युद्ध से प्रभावित फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रही है. हालांकि, यह भी ध्यान में रखा जा रहा है कि पुरस्कार देना एक विवादास्पद फैसला हो सकता है क्योंकि इजरायल ने UNRWA पर आरोप लगाया है कि उसके कुछ कर्मचारी हमास द्वारा किए गए हमले में शामिल थे.

सट्टेबाजों का फेवरेट: नवलनी

इस साल सट्टेबाजों ने मृत रूसी नेता एलेक्सी नवलनी पर सबसे ज्यादा दांव लगाया है. हालांकि, उन्हें मरणोपरांत पुरस्कार नहीं मिल सकता लेकिन उनकी स्थिति को लेकर चर्चा गर्म है. इसके अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी सट्टेबाजों के पसंदीदा उम्मीदवारों में शामिल हैं लेकिन उनकी जीत की संभावना कम है, क्योंकि वह एक युद्धरत देश के नेता हैं.

गुटेरेस और ICJ का भी नाम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का नाम भी इस दौड़ में है. इतिहासकार एस्ले स्वीन ने कहा कि गुटेरेस को पुरस्कार देना न केवल उनकी भूमिका के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है. आईसीजे ने हाल ही में रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा की है और इजरायल से गाजा में नरसंहार रोकने का आग्रह किया है.

क्या पुरस्कार नहीं मिलेगा?

एक दिलचस्प बात यह है कि नोबेल कमेटी इस साल किसी को भी पुरस्कार नहीं देने का फैसला भी कर सकती है. दरअसल ऐसा पहले 19 बार हो चुका है और आखिरी बार 1972 में ऐसा हुआ था. यदि कोई भी उम्मीदवार समिति के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता, तो यह फैसला लिया जा सकता है.

नोबेल शांति पुरस्कार की इस दौड़ में कई महत्वपूर्ण नाम शामिल हैं, जो न केवल विश्व में चल रहे संघर्षों के बीच मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी योगदान दे रहे हैं. अब देखना यह है कि इस साल का पुरस्कार किसके हाथों में जाता है और क्या कोई नया नाम उभर कर सामने आता है. शांति की इस दौड़ में उम्मीदें और चर्चाएं दोनों ही जारी हैं. 

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03 October 2024, 08:45 PM IST

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