उत्तर कोरियाई सैनिकों की रूस में तैनाती: नई चुनौती और अवसर

हाल ही में रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। रूस में तैनाती इन सैनिकों के लिए एक नया अनुभव साबित हो रही है, खासतौर पर जब पहली बार उन्हें इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं का उपयोग करने का अवसर मिला, क्योंकि उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल कभी नहीं किया. इसका कारण यह है कि वहां की सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा रखा है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

उत्तर कोरिया. उत्तर कोरिया में इंटरनेट पर प्रतिबंध है, और अधिकतर सैनिक कभी वैश्विक नेटवर्क का अनुभव नहीं कर पाते। रूस पहुंचने पर इन सैनिकों को पहली बार इंटरनेट मिला, और कई रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने इस तकनीक का उपयोग कर पोर्नोग्राफी जैसी सामग्री तक पहुंच बनाई। उनके लिए यह एक नई दुनिया थी, जिससे वे पहले अनभिज्ञ थे। हाल ही में उत्तर कोरियाई सैनिकों की रूस में उपस्थिति चर्चा का विषय बन गई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 10,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को युद्धक्षेत्र के करीब तैनात किया गया है। माना जा रहा है कि यह कदम रूस के लिए यूक्रेन युद्ध में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इन सैनिकों के लिए रूस में जीवन उनके लिए एक नए अनुभव की तरह है, खासकर जब पहली बार उन्हें इंटरनेट की सुविधा मिली।

उत्तर कोरियाई सैनिकों के लिए फायदे और चुनौतियां

रूस में तैनाती से इन सैनिकों को कई लाभ मिलने की संभावना है, जैसे अधिक वेतन और रूस में काम करने के लिए विशेष सुविधाएं। हालांकि, उनकी ट्रेनिंग कोरियाई पहाड़ों पर हुई है, और रूस-यूक्रेन युद्धक्षेत्र के मैदान उनके लिए अनजाने हैं। कई विशेषज्ञों को डर है कि इन सैनिकों का सामना आधुनिक युद्ध तकनीकों से होगा, जिससे उनका बच पाना मुश्किल हो सकता है।

राजनीतिक प्रभाव और आर्थिक कारण

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन को उम्मीद है कि रूस से सहयोग और आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे। यह तैनाती उनके लिए एक बड़ा जुआ है, क्योंकि यदि अधिक सैनिक हताहत होते हैं, तो यह उनकी राजनीति पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, सैनिकों को दिए जाने वाले वेतन का अधिकांश हिस्सा सरकार के खजाने में जाएगा, जिससे उत्तर कोरिया विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा​

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06 November 2024, 09:04 AM IST

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