अब चांद पर भी हो पाएगा नेविगेशन, 400,000 किमी का डेटा नेटवर्क बनाएगा ESA, जानें क्या है मूनलाइट प्रोग्राम?

ESA's Moonlight Program: ESA ने चांद पर संचार और नेविगेशन सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से अपना महत्वाकांक्षी मूनलाइट प्रोग्राम शुरू किया है. इस परियोजना का लक्ष्य चंद्रमा पर उपग्रह नेविगेशन और डेटा नेटवर्क स्थापित करना है, जिससे चंद्रमा की सतह पर भी पृथ्वी की तरह निर्बाध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, डेटा शेयरिंग और नेविगेशन सेवाएं उपलब्ध हो सकें.

Shivani Mishra
Shivani Mishra

ESA's Moonlight Program: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने चांद पर संचार और नेविगेशन सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से अपना महत्वाकांक्षी मूनलाइट प्रोग्राम शुरू किया है. इस परियोजना का लक्ष्य चंद्रमा पर उपग्रह नेविगेशन और डेटा नेटवर्क स्थापित करना है, जिससे चंद्रमा की सतह पर भी पृथ्वी की तरह निर्बाध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, डेटा शेयरिंग और नेविगेशन सेवाएं उपलब्ध हो सकें. 

मूनलाइट प्रोग्राम के तहत, ESA एक समर्पित उपग्रह समूह तैयार करेगा जो चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग, सतह की गतिशीलता और पृथ्वी से उच्च गति संचार को संभव बनाएगा. यह प्रोग्राम चंद्रमा पर मानवता की स्थायी उपस्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

मूनलाइट प्रोग्राम की संरचना

मूनलाइट लूनर कम्युनिकेशंस एंड नेविगेशन सर्विसेज (LCNS) प्रोग्राम ESA और टेलीस्पेज़ियो के नेतृत्व में चलाया जा रहा है. इसमें यूके और इटली की अंतरिक्ष एजेंसियां भी सहयोग दे रही हैं. यह परियोजना चंद्रमा पर उपग्रहों के एक नेटवर्क के माध्यम से नेविगेशन और संचार सेवाएं प्रदान करेगी. इन उपग्रहों में से एक उच्च-डेटा दर संचार के लिए होगा और चार नेविगेशन के लिए. 

400,000 किलोमीटर का डेटा नेटवर्क

इस प्रोग्राम के तहत 400,000 किलोमीटर तक फैले नेटवर्क को तीन ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से चंद्रमा को पृथ्वी से जोड़ा जाएगा. इस नेटवर्क का मुख्य फोकस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर होगा, जहां संभावित संसाधन जैसे ध्रुवीय बर्फ मौजूद हैं. यह संसाधन भविष्य में पानी, ऑक्सीजन और रॉकेट ईंधन के उत्पादन के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं.

लॉन्च और प्रमुख व्यक्ति

मूनलाइट प्रोग्राम को आधिकारिक रूप से मिलान में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में लॉन्च किया गया. इस अवसर पर ESA के कनेक्टिविटी निदेशक लॉरेंट जाफर्ट, नेविगेशन निदेशक जेवियर बेनेडिक्टो और टेलीस्पाज़ियो के सीईओ गैब्रिएल पियराली उपस्थित थे. ESA के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने इस प्रोग्राम के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण और वाणिज्यिक सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा.

लूनानेट और भविष्य की योजनाएं

ESA, नासा और जापानी अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ मिलकर लूनानेट ढांचे पर काम कर रहा है. इसका उद्देश्य एक वैश्विक चंद्र संचार और नेविगेशन प्रणाली तैयार करना है, जिसका उपयोग सभी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां और निजी कंपनियां कर सकेंगी. मूनलाइट 2029 तक पहले चंद्र नेविगेशन इंटरऑपरेबिलिटी परीक्षणों के लिए तैयार हो जाएगा, जो चंद्र अन्वेषण के भविष्य को आकार देगा.

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22 October 2024, 11:03 PM IST

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