जेलेंस्की ने चला पुतिन को बर्बाद कर देने वाल हथकंडा! अब यूक्रेन के रास्ते यूरोप नहीं जा पाएगी रूस की गैस

Russia-Ukraine: 1 जनवरी 2025 से यूक्रेन के जरिए यूरोप को मिलने वाली रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है, क्योंकि 2019 में हुए पांच साल के गैस ट्रांजिट समझौते की अवधि समाप्त हो गई. यूरोपीय आयोग ने कहा है कि यूरोप के पास लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (LNG) और अन्य देशों से गैस आयात करने के विकल्प हैं. यह बदलाव रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हुआ है और यूरोप के ऊर्जा संकट पर गहरा असर डाल सकता है, क्योंकि रूस की गैस यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Russia-Ukraine: 1 जनवरी 2025 से यूक्रेन के जरिए यूरोप को मिलने वाली रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है. यह बदलाव 2019 में हुए पांच साल के गैस ट्रांजिट समझौते के समाप्त होने के कारण हुआ है. यूरोपीय आयोग ने हालांकि आश्वस्त किया है कि अगर रूस गैस सप्लाई रोकता है, तो यूरोप के पास वैकल्पिक उपाय तैयार हैं. लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (LNG) और अन्य देशों से पाइपलाइन के जरिए गैस आयात करके यूरोप अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है.

यह बदलाव रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच हुआ है, और इससे यूरोप के ऊर्जा संकट पर गहरा असर पड़ सकता है. दशकों तक रूस की गैस यूरोप की आवश्यकताओं का अहम हिस्सा रही, लेकिन अब इस सप्लाई के रुकने से यूरोप की ऊर्जा नीति और रणनीतियों में बड़ा बदलाव आ सकता है.

यूरोप को होगा क्या नुकसान?

यूक्रेन के माध्यम से यूरोप को गैस की सप्लाई, जो लगभग 35% तक थी, अब पूरी तरह से बंद हो गई है. इस सप्लाई से रूस को अरबों डॉलर की आय होती थी, जबकि यूक्रेन को ट्रांजिट शुल्क के रूप में आर्थिक लाभ मिलता था. हालांकि, 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के बाद से यह संबंध तनावपूर्ण हो गए थे, और 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, जिससे यूरोप में गैस सप्लाई में गिरावट आई.

क्यों बंद हुई यूक्रेन से गैस की सप्लाई?

2019 में रूस और यूक्रेन के बीच पांच साल का गैस ट्रांजिट समझौता समाप्त हो गया था, और यूक्रेन ने इसे आगे बढ़ाने से मना कर दिया. 31 दिसंबर 2024 को यूक्रेनी गैस ट्रांजिट ऑपरेटर ने यह घोषणा की कि 1 जनवरी 2025 से गैस फ्लो का कोई अनुरोध नहीं किया गया है. इसका मतलब यह है कि यूक्रेन के रास्ते से गैस की सप्लाई अब पूरी तरह से रुक गई है.

यूरोप का बैकअप प्लान

यूरोपीय आयोग ने इस बदलाव से घबराने की आवश्यकता नहीं बताई है. आयोग ने कहा कि रूस से गैस की सप्लाई रोकने के बाद, यूरोप ने अपने ऊर्जा स्रोतों को विविध बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (LNG) और अन्य देशों से पाइपलाइन के जरिए गैस आयात बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इसके साथ ही, नॉर्वे से पाइप्ड गैस की आपूर्ति भी बढ़ाई गई है. यूरोप में गैस की कमी को पूरा करने के लिए गैस स्टोरेज को भी भरने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.

पाइपलाइन बंद होने का तुरंत असर नहीं

हालांकि, 2023 में यूक्रेन के रास्ते से गैस सप्लाई का मात्र 15 अरब क्यूबिक मीटर ही हुआ था, जिससे यूरोपीय गैस की कीमतों में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई. 31 दिसंबर 2024 को गैस की कीमत मामूली बढ़त के साथ 48.50 यूरो प्रति मेगावाट घंटे पर बंद हुई. बावजूद इसके, इस बदलाव का यूरोपीय ऊर्जा बाजार पर असर भविष्य में गंभीर हो सकता है, क्योंकि रूस से गैस की कमी की वजह से यूरोपीय देशों की ऊर्जा लागत बढ़ सकती है.

यूरोप में ऊर्जा संकट

रूस से गैस की सप्लाई कम होने के बाद यूरोपीय देशों को अपने उद्योगों में भारी आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. विशेष रूप से उन देशों के लिए जो अमेरिका और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी बाजारों के मुकाबले अधिक महंगी ऊर्जा का सामना कर रहे हैं. यूरोपीय संघ ने अपनी ऊर्जा रणनीतियों को पुनः संगठित किया है, लेकिन उच्च ऊर्जा लागत ने जर्मनी जैसे देशों को 60 अरब यूरो का नुकसान पहुंचाया है.

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01 January 2025, 08:22 PM IST

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