अब आप सोचें, ये मशीन तुरंत पढ़ेगी आपके विचार! चीन ने बनाई क्रांतिकारी तकनीक
China Mind Reading Machine: टेक्नोलाजी की दुनिया में तेजी से बढ़ रहे चीन ने हाल ही में एक हैरान कर देने वाली मशीन बनाई है. दरअसल एक ऐसी मशी ईजाद की गई है जो आपके मन की बात पढ़ लेगी, वो भी चंद सेकेंड्स के अंदर.
China Mind Reading Machine: चीन तकनीकी दुनिया में बहुत आगे बढ़ चुका है और अब वह अमेरिका और जापान जैसे देशों के साथ मुकाबला कर रहा है. इसी कड़ी में एक चीनी स्टार्टअप 'न्यूरोएक्सेस' ने हाल ही में अपने दो सफल परीक्षणों के बारे में जानकारी दी है. इस कंपनी के ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) डिवाइस ने रियल टाइम में यह समझा कि मरीज क्या सोच रहा है और दूसरे परीक्षण में चीनी भाषा को रियल टाइम में डिकोड किया.
अब ये क्या बना दिया चीन ने?
Xinhua की रिपोर्ट के मुताबिक, BCI तकनीक से मरीज अब सिर्फ अपने दिमाग से सॉफ़्टवेयर को कंट्रोल कर सकते हैं, वस्तुओं को हिला सकते हैं, AI मॉडल्स के साथ बात कर सकते हैं और डिजिटल अवतार को भी कंट्रोल कर सकते हैं.
चंद सेकेंड में आपके मन की बात जान लेगी ये मशीन
अगस्त 2024 में शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी से जुड़े हुआशान हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन ने 21 साल की महिला मरीज (जिसे मिर्गी थी) के दिमाग में 256-चैनल वाला BCI डिवाइस इंस्टॉल किया. इस डिवाइस का उद्देश्य मरीज के दिमाग में मौजूद ट्यूमर को ठीक करना था. न्यूरोएक्सेस के मुताबिक, उनकी टीम ने मरीज के दिमाग से हाई-गामा बैंड के इलेक्ट्रोकोर्टिकोग्राम (ECoG) सिग्नल्स निकाले और इन्हें समझने के लिए एक न्यूरल नेटवर्क मॉडल तैयार किया. इस तकनीक ने 60 मिलीसेकंड से भी कम समय में सटीक परिणाम दिए और ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों में दिमाग के कार्यात्मक क्षेत्रों का नक्शा तैयार कर लिया.
भाषा भी करेगी डिकोड
भाषा को मानव सभ्यता की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है. दिमाग के इशारों से भाषण को समझना BCI तकनीक का एक रोमांचक क्षेत्र है. दिसंबर 2024 में एक टीम ने चीनी भाषण को सिंथेसाइज़ करने के लिए लचीले BCI का पहला क्लीनिकल परीक्षण किया. इस परीक्षण में एक महिला मरीज के दिमाग में 256-चैनल वाला BCI डिवाइस लगाया गया. इस मरीज को मिर्गी थी और उसके दिमाग के भाषा क्षेत्र में एक ट्यूमर था. मरीज ने पांच दिनों में 71% भाषण डिकोडिंग सटीकता हासिल की. यह डिकोडिंग 142 सामान्य चीनी अक्षरों के सेट पर आधारित थी, जिसमें एक अक्षर को समझने में 100 मिलीसेकंड से भी कम समय लगा.