एक बार फिर कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने निकाली झांकी, पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे को दी श्रद्धांजलि
Canada: एक बार फिर खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा में झांकी निकाली है. इसके जरिए 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार आत्मघाती हमलावर को श्रद्धांजलि दी गई. इससे पहले भी इसी साल 9 जून को कनाडा मेंटर टोरंटो एरिया के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने एक झांकी निकाली थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पुतला दिखाया गया था.
Canada: कनाडा में खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूहों ने शनिवार को एक बार फिर से हत्या की झांकियां निकालीं, इस बार 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार आत्मघाती हमलावर को 'श्रद्धांजलि' दी गई. वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास तक निकाली गई झांकियों में एक बम से क्षतिग्रस्त कार में खून से लथपथ हत्या को दर्शाया गया था, तथा साथ में दिवंगत सीएम की तस्वीरें भी थीं. इस दौरान तस्वीरों पर लिखा गया, 'बेअंत को मौत के घाट उतार दिया'। साथ ही आत्मघाती हमलावर व उनके हत्यारे दिलावर सिंह बब्बर को श्रद्धांजलि दी गई. दरअसल, यह हत्या 29 साल पहले 31 अगस्त 1995 को हुई थी. शनिवार को उनकी 29वीं पुण्यतिथि थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टोरंटो में भी इसी तरह की एक रैली आयोजित की गई जिसका नेतृत्व इंद्रजीत सिंह गोसल ने किया. उसने खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रचारकों को दिलावर सिंह की संतान बताया. गोसल जनमत संग्रह के प्रमुख आयोजकों में से एक है. उसे सिख्स फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल गुरपतवंत पन्नू का सहयोगी भी बताया जाता है.
कौन है गोसल?
गोसल को कनाडाई कानून प्रवर्तन से अगस्त की शुरुआत में उसके जीवन के लिए खतरे की चेतावनी मिली थी. यह अलर्ट ओंटारियो प्रांतीय पुलिस और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस की ओर से जारी किया गया था. गोसल हरदीप सिंह निज्जर का भी करीबी बताया जाता है, जिसकी पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी.
इंदिरा गांधी की हत्या की भी निकाली थी रैली
इसी साल 9 जून को ग्रेटर टोरंटो एरिया के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने एक झांकी निकाली थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पुतला दिखाया गया था. इंदिरा के अंगरक्षकों ने गोलीबारी करके उनकी हत्या कर दी थी. रैली में ऐसे पोस्टर लगाए गए जिनमें बताया गया कि इंदिरा को 31 अक्टूबर 1984 को सजा मिली.
यही उनकी हत्या की तारीख है. इस परेड के जरिए ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं वर्षगांठ को दिखाया गया था, जब भारतीय सेना ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर का घेराव किया था. खालिस्तानी चरमपंथियों और उनके नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले ने हथियारों के साथ मंदिर परिसर पर कब्जा कर लिया था. इस झांकी पर कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना स्वीकार्य नहीं है. '