'3,768 लोगों की मौत, 15000 से अधिक घायल', इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच की लड़ाई में लोगों ने चुकाई भारी कीमत
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच करीब एक साल से चल रहे युद्ध का बुधवार को सीजफायर का ऐलान कर दिया. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका ऐलान किया. जल्द ही इजराइली सैनिक लेबनान से लौट जाएंगे. 30 सितंबर से इजराइली सेना ने लेबनान में जमीनी हमले की शुरुआत की थी और करीब 2 महीने बाद संघर्ष विराम समझौता कर लिया गया है.
हाइलाइट
- इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच करीब एक साल से चल रहे युद्ध का बुधवार को सीजफायर का ऐलान कर दिया. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका ऐलान किया. जल्द ही इजराइली सैनिक लेबनान से लौट जाएंगे. 30 सितंबर से इजराइली सेना ने लेबनान में जमीनी हमले की शुरुआत की थी और करीब 2 महीने बाद संघर्ष विराम समझौता कर लिया गया है.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीजफायर का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही लेबनान और इजराइल के बीच करीब एक साल से चल रहा संघर्ष खत्म हो गया है. लेकिन इस युद्ध में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेबनान स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 नवंबर तक अक्टूबर 2023 से अब तक लेबनान में कम से कम 3,768 लोग मारे गए हैं और 15,699 लोग घायल हुए हैं.
हिजबुल्लाह के मारे गए लड़ाकों की संख्या अभी तक सामने नहीं आई है. सितंबर में जब इजरायल ने हमला शुरू किया था, तब तक समूह ने युद्ध में अपने करीब 500 लड़ाकों के मारे जाने की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद उसने ऐसा करना बंद कर दिया. तेल अवीव विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान ने बताया कि कहना है कि हिजबुल्लाह के कुल 2,450 लोगों की जान चली गई.
रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान में किए गए ग्राउंड ऑपरेशन में महज 2 महीनों में ही कम से कम 50 इजराइली सैनिकों की मौत हो चुकी है, वहीं नॉर्थ इजराइल में हिजबुल्लाह के हमलों में 40 नागरिकों समेत 70 लोग मारे जा चुके हैं. हाल के दिनों में हिजबुल्लाह ने इजराइल पर हमले और तेज कर दिए, वह रोजाना करीब 200 से 300 रॉकेट दाग रहा था. यही नहीं हिजबुल्लाह के रॉकेट और मिसाइलें अब नॉर्थ इजराइल तक सीमित नहीं थे बल्कि खतरा तेल अवीव तक पहुंच गया था.
हिजबुल्लाह ने अपने हमलों में लगातार इजराइल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाकर पहले ही काफी कमजोर कर दिया है. ऐसे इजराइल के लिए लंबे समय तक उसके हमले झेलना मुश्किल हो रहा था. वहीं हिजबुल्लाह के साथ जंग में इजराइल को करीब 273 मिलियन डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ है, साथ ही 55 हजार एकड़ का क्षेत्र हिजबुल्लाह के हमलों में जलकर राख हो गया. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर युद्धविराम न होता तो आने वाले दिनों में इजराइल को आर्थिक और मानवीय नज़रिए से बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता था.