भारत की यात्रा पर आएंगे PAK विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, PM Modi पर की थी विवादित टिप्पणी
शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा करेंगे।
हाइलाइट
- एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे पाक विदेश मंत्री
- बिलावल भुट्टो ने चार महीने पहले पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी
- 2014 के बाद पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत की यात्रा करेंगे। गोवा में होने वाली शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (एससीओ) विदेश मंत्रियों की बैठक में बिलावल भुट्टों हिस्सा लेंगे। गुरूवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि "विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी 4 और 5 मई को गोवा में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग परिषद में पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।" दरअसल, भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग समेत एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को मई महीने में होने वाली उच्च स्तरीय बैठक के लिए आमंत्रित किया है। बता दें कि एससीओ की आखिरी बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित हुई थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के भारत की यात्रा करने के लिए राजी हो गए है। साल 2014 के बाद पहली बार पाकिस्तान का कोई नेता भारत की यात्रा करेंगा। इससे पहले 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था। बिलावल भुट्टो जरदारी कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलते रहते है। पिछले साल भुट्टो ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी भी की थी।
पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी
पिछले साल दिसंबर में बिलावल भुट्टो जरदारी ने न्यूयॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान दिया था। बिलावल भुट्टो ने कहा था कि "मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है, लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है और भारत का प्रधानमंत्री है।" दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए बिलावल भुट्टो को फटकार लगाई थी। एस जयशंकर ने कहा था कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को पनाह दी हो और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया हो, उसे संयुक्त राष्ट्र में उपदेश नहीं देना चाहिए।