पाकिस्तान ने भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ, कहा- लड़ने के बजाय चुनौतियों का मुकाबला करना समझदारी
Bharat-Pakistan Row: पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से उनके देश के संबंधों पर विचार करने का आग्रह किया है. उन्होने भारत को दिए संदेश में कहा कि, उनका देश 'सदा शत्रुता' में विश्वास नहीं करता है. डार ने भारत की नई सरकार से इस्लामाबाद के साथ अपने भविष्य के संबंधों पर विचार करने का आग्रह किया है.
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Bharat- Pakistan Row: पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को भारत को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनका देश निरंतर शत्रुता" में विश्वास नहीं करता है. इसके साथ ही उन्होंने नई सरकार से अपने भविष्य पर "संयम से विचार" करने का आग्रह किया है. इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज इस्लामाबाद (आईएसएसआई) में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा "अच्छे पड़ोसी संबंधों" की मांग करता है.
डार ने कहा कि, “हमारे पूर्व में, भारत के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से अशांत रहे हैं लेकिन पाकिस्तान निरंतर शत्रुता में विश्वास नहीं रखता है. पाकिस्तान कभी भी "एकतरफा दृष्टिकोण या भारत की इच्छा या आधिपत्य को थोपने की कोशिश पर सहमत नहीं होगा.
संबंधों पर विचार करना जरूरी
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा और भारत के किसी भी गैर-विचारणीय सैन्य दुस्साहस का प्रभावी और निर्णायक तरीके से जवाब देगा. डार ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से पाकिस्तान के साथ संबंधों पर विचार करने का भी आग्रह किया. डार ने कहा कि, हमारे विचार में, जैसे ही भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार एक नया कार्यकाल शुरू कर रही है, यह भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य और पूरे क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने का समय है.
चुनौतियों का मुकाबला करना समझदारी
उन्होंने कहा, '5 अगस्त, 2019 की भारत की अवैध और एकतरफा कार्रवाई ने द्विपक्षीय संबंधों के माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.' उन्होंने जोर देकर कहा, सभी मुद्दों पर उद्देश्यपूर्ण जुड़ाव और परिणामोन्मुख बातचीत के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी भारत पर बनी हुई है. दक्षिण एशिया मानवता के पांचवें हिस्से से अधिक लोगों का घर है. यह क्षेत्र गरीबी, बेरोजगारी, निकिक्षता से घिरा हुआ है. एक दूसरे से लड़ने के बजाय दक्षिण एशियाई देशों के लिए इन चुनौतियों का मुकाबला करना समझदारी होगी. हम न केवल आर्थिक रूप से सबसे कम एकीकृत क्षेत्र हैं, बल्कि मानव विकास के लगभग सभी सूचकांकों में सबसे निचले पायदान पर हैं.
चीन को बताया भरोसेमंद दोस्त
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पूरी उम्मीद है कि अफगान अंतरिम अधिकारी यह देखेंगे कि इस आह्वान पर ध्यान देना और हमारी गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक व्यावहारिक कदम उठाना उनके स्वयं के हित में है. चीन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सबसे भरोसेमंद और भरोसेमंद दोस्त चीन है. "चीन के साथ हमारी हर मौसम में चलने वाली रणनीतिक सहयोगात्मक साझेदारी पाकिस्तान की विदेश नीति की आधारशिला है." “यह क्षेत्र और उससे परे स्थिरता का एक कारक भी है. डार ने कहा, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक परिवर्तनकारी परियोजना है जो पाकिस्तान के आर्थिक बदलाव के साथ-साथ क्षेत्रीय समृद्धि दोनों में योगदान दे रही है.