Reko Diq Gold Mine Pakistan: पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक समस्या का सामना कर रहा है. ऐसे में उसके पास एक ऐसी खदान है जो तमाम मुसीबतों से उसे एक झटके में बाहर ला सकती है. बलूचिस्तान में स्थित रेको डिक दुनिया के सबसे बड़े अयस्क भंडारों में से एक मानी जाती है. इसमें हर साल 2 लाख टन तांबा और 2.5 लाख औंस सोना उत्पादन की क्षमता है. पाकिस्तान सरकार इस खदान का 15% हिस्सा सऊदी अरब को बेचने पर विचार कर रही है. माना जा रहा है कि ये बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लाइन पर ला सकती है.
पाकिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और मित्र राष्ट्रों से मिली वित्तीय सहायता के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई है. इस मुश्किल समय में, बलूचिस्तान में स्थित रेको डिक खदान पाकिस्तान के लिए एक लाइफ लाइन साबित हो सकती है.
रेको डिक दुनिया के सबसे बड़े अविकसित तांबा और सोने के भंडारों में से एक है. इसमें हर साल 2 लाख टन तांबा और 2.5 लाख औंस सोना उत्पादन की क्षमता है. माना जा रहा है कि अगर लगातार इसका खनन किया गया तो भी इससे अगले 50 साल तक दोहन जारी रह सकता है. इस खदान का सही ढंग से उपयोग करने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है.
सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) ने हाल ही में रेको डिक खदान परियोजना में 15% हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है. इसके साथ ही खनन क्षेत्र के आसपास के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अनुदान देने का प्रस्ताव भी रखा है. अगर पाकिस्तान इस ऑफर को मानता है तो तात्कालिक तौर पर उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.
पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति कमजोर है. देश का विदेशी कर्ज उसकी जीडीपी का 42% तक पहुंच गया है. IMF से मिली सहायता के बावजूद, स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हो पाया है. ऐसे में, रेको डिक जैसी खदानें पाकिस्तान के लिए आर्थिक संकट से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.
सऊदी अरब के इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने एक समिति गठित की है. यह समिति प्रस्ताव की समीक्षा करेगी और कैबिनेट को अंतिम मूल्य निर्धारण पर सिफारिशें करेगी. रेको डिक खदान परियोजना का 50% हिस्सा बैरक गोल्ड के पास है, जबकि बाकी 50% पाकिस्तान और बलूचिस्तान सरकार के बीच बंटा हुआ है.