Pakistan News: पाकिस्तान सरकार को भले हीअंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 बिलियन डॉलर का की सहायता राशि मिल गई है, लेकिन इसका पूरा असर मिडिल क्लास के सैलरीड क्लास कर्मचारियों पर पड़ रहा है. हालिया रिपोर्टों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सैलरीड क्लास ने 11,000 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया, जो कि सत्ताधारी पार्टी के व्यापारियों द्वारा चुकाए गए टैक्स से 1,550% ज्यादा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से शुरू हुए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में पाकिस्तान ने 11,000 करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 56% अधिक है. पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच सरकार ने सैलरीड क्लास से 7,100 करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया था.
शाहबाज शरीफ की सरकार ने जून में सैलरीड क्लास के लिए टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि की. सरकार ने खर्च में कटौती या गैर-टैक्स वाले क्षेत्रों को टैक्स के दायरे में लाने के बजाय, सैलरीड क्लास पर लगभग 40% टैक्स दर बढ़ा दी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 47 अरब डॉलर का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसके कारण मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ गया है.
इस टैक्स के 11,000 करोड़ रुपये में से सरकारी कर्मचारियों का योगदान केवल 2,800 करोड़ रुपये है, जबकि शेष 8,300 करोड़ रुपये प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों से वसूले गए हैं, जिनकी सैलरी में खास वृद्धि नहीं हुई है. व्यापारियों से चुकाए गए टैक्स की तुलना में यह राशि बहुत अधिक है. फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने व्यापारियों से सिर्फ 670 करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया है.
महंगाई के बावजूद, सरकार ने टैक्स में भारी वृद्धि की है. पिछले बजट में सैलरीड क्लास पर 39% और नॉन-सैलरीड क्लास पर 50% तक टैक्स बढ़ा दिया गया. FBR के चेयरमैन ने इसे अन्याय करार दिया है. अनुमान था कि टैक्स वृद्धि के बाद सैलरीड क्लास से 8,500 करोड़ रुपये अधिक टैक्स वसूला जाएगा, लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही 4,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
पाकिस्तान को पिछले महीने IMF से 7 बिलियन डॉलर के कर्ज की पहली किश्त मिली है. IMF ने इस कर्ज के लिए सरकार से टैक्स बढ़ाने और कई मंत्रालयों को बंद करने को कहा था. इस कर्ज से सरकार तो लाभान्वित हुई है, लेकिन आम जनता को अधिक टैक्स चुकाकर इसकी भरपाई करनी पड़ रही है. First Updated : Friday, 18 October 2024