शनिवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन साल की कैद की सजा सुनाई. इसी के साथ इमरान पर अगले 5 सालों तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. पूर्व पीएम पर ये मुसीबत तोशाखाना मामले के चलते आई है. हालांकि, खान के पास इस फैसले को पलटाने का विकल्प बचा हुआ है, वे चाहें तो ऊपरी अदालतों में जा सकते हैं. पाक से आई इस खबर के बाद सवाल ये उठता है कि आखिर तोशाखाना है क्या? क्या इस मामले में सिर्फ इमरान खान को कसूरवार ठहराया गया है या इससे पहले भी ऐसे मामले हो चुके हैं. इस खबर में हम यही जानने का प्रयास करेंगे...
क्या है तोशाखाना?
तोशाखाना वो स्थान है जहां दुनियाभर के तमाम देशों से पाकिस्तान के गणमान्य व्यक्ति को दिए गए उपहार रखे जाते हैं. इसे अंग्रेजी में स्टेट डिपॉजिटरी कहा जाता है. यानि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को जितने भी उपहार दूसरे देशों से मिलते हैं वे सभी यहीं रखे जाते हैं.
अगर देश का मुखिया उन उपहारों को लेना चाहता है या अपने पास रखना चाहता है तो उसे उस उपहार के बदले उसके बरारबर की कीमत चुकानी पड़ती है. ये उपहार या तो तोशाखाना में रखे जाते हैं या फिर नीलाम किए जाते हैं और इससे अदा होने वाली कीमत को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है.
कैसे होता है तोशाखाना मामले में भ्रष्टाचार?
जब कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री तोशाखाना से उपहार लेकर उसे उसकी उचित कीमत के बिना ही हथिया लेता है तो उसे इस मामले में दोषी माना जाता है. इमरान पर भी यही आरोप लगे हैं कि उन्होंने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाना से सस्ते कीमत पर उपहार खरीदे और फिर उन्हें मंहगे दामों पर बेच दिया.
जानिए इमरान का तोशाखाना मामला
पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो इस बात की पहली खबर तब मिली जब इमरान की कुर्सी छिन जाने के बाद कुछ सांसदों ने पाकिस्तानी संसद में एक आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि इमरान को प्रधानमंत्री रहते हुए जितने भी गिफ्ट मिले उसका ब्योरा तोशाखाना के पास नहीं है. आरोप लगाया गया कि इमरान ने उसे बेच कर पैसे कमाए हैं.
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि इसके बाद पिछले साल 8 सितंबर को इमरान को नोटिस जारी किया. जिसके जवाब में इमरान ने कहा था कि उन्होंने चार उपहार बेचे हैं.
इसी के बाद इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया गया और उनकी संसद से सदस्यता भी चली गई. तोशाखाना मामले में इमरान को अब तीन साल की सजा सुनाई गई है और उनके चुनाव लड़ने पर 5 सालों का प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
इस मामले में सिर्फ इमरान ही नहीं आरोपी
तोशाखाना से गिफ्ट लेने वालों में अकेले इमरान खान का ही नाम नहीं है. इसी साल के मार्च महीने में पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने तोशाखाना का रिकॉर्ड अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस रिकॉर्ड में 2002 से 2023 तक का 466 पन्नों का ब्योरा दिया गया था जिसके मुताबिक तोशाखाना से गिफ्ट लेने वालों में पूर्व राष्ट्रपतियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों समेत सरकार के कई अफसर शामिल हैं.
आंकड़ों की मानें तो पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को वर्ष 2004 में 65 लाख रुपए से ज्यादा के गिफ्ट मिले थे. जिन्हें उन्होंने कानून के मुताबिक पैसे चुकाकर अपने पास रख लिया. इसके अलावा जो उपहार सस्ते कीमत के थे वह भी उन्होंने अपने पास रख लिए. 2022 में कानून के हिसाब से 10 हजार से कम कीमत वाले तोहफों को बिना भुगतान के रखा जा सकता था.
इसी प्रकार नवाज शरीफ ने कुवैत से मिलने वाली 12 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की घड़ी के साथ-साथ तमाम उपहारों को कीमत अदा करने के बाद अपने पास रख लिया था.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 3 करोड़ 60 लाख रुपए के उपहारों को जनवरी 2016 में 76 लाख 30 हजार रुपए में खरीद लिया था. इसी प्रकार 2017 में भी उन्होंने 40 लाख 50 हजार के उपहारों को महज 8 लाख 8 हजार रुपए में अपने पास रख लिया था.
इमरान खान ने जिन चार चीजों को तोशाखाना से खरीदने की बात कही थी उसके लिए उन्होंने 2 करोड़ 1 लाख 78 हजार रुपए चुकाए थे. First Updated : Saturday, 05 August 2023