पाकिस्तान को सैन्य विकास के साथ घरेलू चुनौतियों से निपटने का संतुलन बनाए रखना जरूरी क्यों?
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है. इसके बावजूद पाकिस्तान सैन्य क्षमता को बढ़ावा देने में लगा है. इसलिए पाकिस्तान को सैन्य लक्ष्यों को पूरा करते हुए घरेलू चुनौतियों से निपटने का संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में गंभीर संकट के बावजूद इस्लामाबाद अपनी नौसेना क्षमता को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पर जोर दे रहा है. पाकिस्तान इस समय 24.8% की मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है, जो वैश्विक औसत से चार गुना अधिक है। इसके बावजूद पाकिस्तान नौसेना के विस्तार की योजना बना रहा है. इसमें 50 जहाजों के बेड़े का निर्माण, जिसमें उन्नत पनडुब्बियां और फ्रिगेट शामिल हैं.
भाईचारे में दरार के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह नौसेना विस्तार योजना चीन द्वारा वित्तपोषित है. दरअसल, पाकिस्तान और चीन के बीच ग्वादर बंदरगाह के नियंत्रण को लेकर विवाद सामने आया है, जिससे उनकी "लौह भाईचारे" की मित्रता में दरार के संकेत मिल रहे हैं। चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और पाकिस्तान पर दबाव की कोशिश दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बन रही है.
पाकिस्तान ने चीन से पनडुब्बियां, तुर्की से कोरवेट और स्वदेशी फ्रिगेट्स की खरीदारी की योजना बनाई है. हालांकि, पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 2-3% के आस-पास स्थिर है और गरीबी का स्तर 35% से ऊपर है.
पाकिस्तान और चीन के बीच तनाव
ग्वादर बंदरगाह से पाकिस्तान और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान का दावा है कि ग्वादर पूरी तरह से पाकिस्तान का है. चीन ने इस क्षेत्र में अपने सैन्य प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश की है, जिससे विवाद बढ़ा है. हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से द्वितीय-आक्रमण परमाणु क्षमता की मांग की थी, जिससे चीन ने नाराजगी जाहिर की थी.
घरेलू चुनौतियों के संतुलन जरूरी
पाकिस्तान चीन के साथ बढ़ते तनाव और अपनी लचर अर्थव्यवस्था के संकट में फंसकर रह गया है, लेकिन पाकिस्तान सैन्य विकास पर पैसा खर्च कर रहा है. वहीं पाकिस्तान के लिए सैन्य लक्ष्यों को पूरा करते हुए घरेलू चुनौतियों से निपटने का संतुलन बनाए रखना जरूरी है.