PAK: चुनाव आयुक्त ने दिया इस्तीफा, कहा- मैंने धांधली की है, मुझे सजा-ए-मौत दी जाए

Pakistan Election: पाकिस्तान के एक चुनाव आयुक्त ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा है कि मैं चुनाव हुई धांधली में शामिल था. इसलिए मुझे सजा-ए-मौत दे दी जाए.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

Pakistan Election Commissioner: अभी तक इमरान खान की पार्टी और इंटरनेशनल लेवल पर ही पाकिस्तान चुनाव में धांधली की बात सामने आई थी, लेकिन अब चुनाव करवाने वाले कमिश्नर ने भी यह बात कबूल कर ली है. ना सिर्फ खुद बल्कि उन्होंने इस धांधली में चीफ जस्टिस को भी शामिल बताया है. रावलपिंडी चुनाव आयुक्त कमिश्ननर याकत अली चिट्ठा ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि मैं चुनाव ठीक से नहीं करवा पाया और मैंने चुनाव में धांधली की है. लियाकत अली ने कहा कि हमने इस देश के साथ गलत किया है, मैंने जो काम किया है वह किसी भी तरह से मुझे शोभा नहीं देता, मैं अपने पद और सेवा से इस्तीफा देता हूं.

कचहरी चौक पर दी जाए सजा-ए-मौत:

रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि हमने हारने वाले उम्मीदवारों को जिता दिया है. लियाकत अली चट्टा ने कहा, "मैं रावलपिंडी डिवीजन में चुनाव में धांधली की जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं और अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए खुद को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देता हूं. मुझे रावलपिंडी के कचहरी चौक में मौत की सजा दी जानी चाहिए." उन्होंने कहा कि चुनाव में धांधली में पाकिस्तान का चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त और मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं, मेरे साथ-साथ इन लोगों को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

आत्महत्या करना चाहता था लेकिन...

लियाकत अली ने आगे कहा कि कौन गलत काम कर रहा है या किसी ने किया है, इसमें कुछ भी छिपा नहीं है, मैं सोशल मीडिया और विदेशी पाकिस्तानियों के दबाव में था, मैंने आज सुबह फज्र की नमाज के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की, फिर मैंने सोचा कि क्यों ना मैं सारी बातें जनता के सामने रखू. मैं दुख से गुजर रहा हूं और राजनीतिक लोग शेरवानी पहनकर मंत्री बनने के लिए घूम रहे हैं, देश की पीठ पर छुरा सोने नहीं देता, मैं अपने दुःख का बोझ उतारना चाहता हूं. मैं शांतिपूर्ण मृत्यु चाहता हूं.

विपक्ष ने खारिज किए आरोप

दूसरी तरफ पंजाब के कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने लियाकत अली के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट बताया और कहा कि लियाकत अली ने जो बातचीत की, वह कोई पागल या मनोरोगी ही कर सकता है. मुझे लगता है कि वह अपना राजनीतिक करियर बनाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं.'

"मानसिक स्थिति की होगी जांच"

आमिर मीर आगे कहते हैं कि 10 दिन बाद ये सारी बातें क्यों याद आईं, जिस दिन धांधली हो रही थी उस दिन वह सामने क्यों नहीं आए और कहते कि मैं इस धांधली का हिस्सा नहीं बन सकता, मुझे लगता है कि उनका कोई राजनीतिक जुड़ाव था या किसी को जिताने की उनकी योजना सफल नहीं हुई इसलिए उन्होंने ऐसा स्टंट किया है और इस तरह के आरोप लगाकर सरकार और चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. आमिर ने कहा कि कमिश्नर रावलपिंडी के आरोपों की जांच होगी, इस बात की जांच होगी कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक है या नहीं.

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17 February 2024, 05:58 PM IST

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