पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किलें, कैसे चुकाए कर्ज टस से मस नहीं हो रहा चीन

China Pak Relation: पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. इस बीच हर मुश्किल समय में साथ देने वाला चीन भी पाकिस्तान की मदद करने से कतराने लगा है. दरअसल पाकिस्तान ने हाल ही में आईएमएफ से कर्ज लिया है जिसके तहत उस पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं.  दूसरी और चीन ने भी सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत इस्लामाबाद को अरबों डॉलर का कर्ज दिया है.

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China Pak Relation: पिछले कई वर्षों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत दिन पर दिन खराब होने लगी है. इस बीच हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि अब हर मुश्किल समय में साथ देने वाला चीन भी पाकिस्तान की मदद करने से कतराने लगा है. दरअसल पाकिस्तान ने हाल ही में आईएमएफ से कर्ज लिया है जिसके तहत उस पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं. दूसरी और चीन ने  भी सीपीईसी प्रोजेक्ट के तहत इस्लामाबाद को अरबों डॉलर का कर्ज दिया है. जिसे एक तय समयसीमा के अंदर चुकाना है, लेकिन पाकिस्तान कंगाल पड़ा है. ऐसे में शहबाज शरीफ सरकार के सामने यह मुश्किल खड़ी हो गई है कि तय नियमों के अनुसार, कैसे कर्ज की राशि चुकाई जाए?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने दो मंत्रियों को चीन भेजा है, ताकि ऑल वेदर फ्रेंड को नरमी बरतने के लिए मनाया जा सके. पाकिस्तान के दो मंत्री पिछले 3 दिनों से चीन में कैंप कर रहे हैं, लेकिन राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग इस मसले पर कोई रुख नहीं अपना रहे हैं. 

पाकिस्तान पर चीन का इतना कर्ज 

दरअसल, चीन का पाकिस्तान पर सिर्फ एनर्जी सेक्टर में 15 अरब अमेरिकी डॉलर (416863 करोड़ पाकिस्‍तानी रुपये) का कर्ज है. चीन पूर्व में किए गए समझौते के तहत लोन की राशि को चुकाने का दबाव बना रहा है.  इस बीच पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के अनुसार, पाकिस्तान के  वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब और सरदार अवैस अहमद खान लघारी ने शुक्रवार को चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर पैन गोंगशेंग से मुलाकात की है. वे यहां आर्थिक सहयोग पर बात करने के लिए आए हैं. वित्त मंत्री की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अगर चीजें उनके हित में ना हुई तो उससे उनके देश में होने वाले विदेशी निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है . 

राहत मिलने की संभावना कम

इस बीच पाकिस्तान-चीन आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाले एक बैंकर का कहना है कि बिजली सेक्टर में निवेश किए गए पैसे को चीन फिर से रोल ओवर नहीं करना चाहता है. इसका सीधा मतलब है कि चीन पाक की इस मांग को खारिज कर देगा. चीन इसमें राहत तो दे सकता है लेकिन पाक को जितनी उम्मीद है उसकी संभावना कम ही है.


First Updated : Saturday, 27 July 2024