पाकिस्तान की उड़ने वाली है रातों की नींद... अमेरिका कर रहा दुश्मनों के हौंसले बुलंद, क्या कहती है रिपोर्ट

International news: अमेरिका तालिबान को फंडिंग कर रहा है, जिस वजह से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, एक अमेरिकी कांग्रेस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडेन प्रशासन हर हफ्ते तालिबान को अरबों रुपये की फंडिंग कर रहा है, जिससे तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत हो रहा है.

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जहां पाकिस्तान चीन के साथ अपने करीबी रिश्ते होने के चलते बेफिक्र होकर बैठा हुआ और अमेरिका को परेशान करने की उम्मीद में था. तो वहीं अब, स्थिति बिल्कुल उलट होती हुई नज़र आ रही हैं. दरअसल, एक अमेरिकी कांग्रेस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडेन प्रशासन हर हफ्ते तालिबान को अरबों रुपये की फंडिंग कर रहा है, जिससे तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत हो रहा है. 

एलन मस्क और लारा लोगन ने उठाए सवाल

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, जो डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक माने जाते हैं, उन्होंने रिपोर्ट पर ट्वीट करते हुए सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहना है कि क्या हम वाकई अमेरिकी टैक्सपेयर का पैसा तालिबान को भेज रहे हैं?

इसके साथ ही, अमेरिकी पत्रकार लारा लोगन ने भी इस रिपोर्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया. उन्होंने लिखा, "क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि ये आतंकवादी हर हफ्ते हमारे टैक्स के 40 मिलियन डॉलर प्राप्त कर रहे हैं?" इस पोस्ट को 9.1 मिलियन बार देखा गया, 9000 से अधिक लाइक्स मिले और हजारों कमेंट्स आए. 

सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा

एक अमेरिकी नागरिक कुमैल यूसुफ ने लिखा, "हम इस पर कैसे सहमत हो सकते हैं? तालिबान हमारे हथियारों का उपयोग कर हमें ही चुनौती दे रहा है. ये वही आतंकवादी हैं जिन्होंने हजारों लोगों को मारा है और हम इन्हें फंड कर रहे हैं. 

अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार और पैसा

SIGAR (स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल फॉर अफगानिस्तान रिकंस्ट्रक्शन) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी के दौरान 7 बिलियन डॉलर के हथियार और 57.6 मिलियन डॉलर नकद तालिबान को छोड़ दिए. 

अमेरिकी फंडिंग का आंकड़ा

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट की मानें तो, अगस्त 2021 से अमेरिका ने अफगानिस्तान को 2.6 बिलियन डॉलर ट्रांसफर किए. अब, कांग्रेस रिपोर्ट का दावा है कि बाइडेन प्रशासन हर हफ्ते तालिबान को 40 मिलियन डॉलर (लगभग 3.5 बिलियन डॉलर सालाना) भेज रहा है. 

सख्त निगरानी की मांग

2 जनवरी 2025 को कांग्रेसमैन टिम बर्चेट ने चिंता जताई कि विदेशी सहायता के नाम पर अफगानिस्तान को भेजी जा रही रकम का एक हिस्सा तालिबान को कर के रूप में जा रहा है. कांग्रेसमैन माइकल मैककॉल ने इस पर सख्त निगरानी की मांग की और कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अमेरिकी मानवीय सहायता तालिबान को फायदा ना पहुंचाए. 

पाकिस्तान की चिंता क्यों बढ़ी?

तालिबान अब पाकिस्तान के लिए सीधा खतरा बन गया है. वह अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियारों का उपयोग कर पाकिस्तान की सीमा में हमले कर रहा है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को समर्थन दे रहा है. 

TTP का बढ़ता प्रभाव

TTP ने पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी ISI को गंभीर चुनौती दी है. अमेरिकी फंडिंग से मजबूत हुए तालिबान ने ना केवल पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है, बल्कि अफगानिस्तान की मुद्रा को भी स्थिर कर दिया है. जिसके कारण इस्लामाबाद की चिंताएं और बढ़ गई हैं.  First Updated : Wednesday, 08 January 2025