देखते ही मार दो गोली...पाकिस्तान में 'शूट एट साइट' का आदेश, इस्लामाबाद में दहशत का माहौल
Pakistan Violence: पाकिस्तान में इस वक्त हालत बेहद गंभीर है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई है. इस हिंसा में अब तक छह सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. हालातों पर काबू पाने के लिए सरकार ने सेना को 'शूट एट साइट' का आदेश दिया है.
Pakistan Violence: पाकिस्तान में भारी हिंसा और बवाल देखने को मिल रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनकी पार्टी के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. स्थिति को काबू करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में सेना को तैनात कर दिया है.
प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में घुसकर गाड़ियों और शिपिंग कंटेनरों को तोड़ते हुए रेंजर्स और पुलिस पर हमले कर रहे हैं. स्थिति को काबू में करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अनुच्छेद 245 के तहत 'शूट एट साइट' का आदेश जारी किया है.
सेना ने अपनाया आक्रामक रवैया
प्रदर्शनकारियों ने हिंसा में बढ़ोतरी की और सुरक्षा बलों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया. खैबर पख्तूनख्वा से आकर प्रदर्शनकारी डी-चौक की ओर बढ़ रहे हैं, जो राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद के पास स्थित है. इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी, और मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हो रहा है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इसे शांतिपूर्ण विरोध बताया है, लेकिन हिंसा बढ़ती जा रही है.
पाक पीएम ने सख्त कार्रवाई का दिया आदेश
पंजाब प्रांत की पुलिस ने जानकारी दी कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिनमें कांस्टेबल मुहम्मद मुबाशिर बिलाल भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है.
कानून-व्यवस्था के लिए बढ़ी चुनौती
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने समर्थकों से अपील की है कि वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखें. उन्होंने इसे सिर्फ इमरान खान की रिहाई का मुद्दा नहीं बल्कि देश और उसके नेतृत्व की लड़ाई बताया. प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक इमरान खान को रिहा नहीं किया जाता.