कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने वाले पाकिस्तानी जासूस की बलूचिस्तान में गोली मारकर हत्या
Kulbhushan Jadhav case: बलूचिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पाकिस्तानी व्यक्ति की हत्या कर दी, जिस पर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में आईएसआई की मदद करने का आरोप था. मृतक की पहचान मुफ्ती शाह मीर के रूप में हुई. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मुफ्ती शाह मीर के मानव तस्करी और आतंकवादी संगठनों से उसके गहरे संबंध थे.

Kulbhushan Jadhav case: बलूचिस्तान में शुक्रवार रात अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पाकिस्तानी व्यक्ति की हत्या कर दी, जिस पर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में आईएसआई की मदद करने का आरोप था. बलूचिस्तान प्रांत में मारे गए इस व्यक्ति की पहचान मुफ्ती शाह मीर के रूप में हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह व्यक्ति एक धार्मिक "विद्वान" के रूप में पहचाना जाता था और मानव तस्करी में भी संलिप्त था. बताया जाता है कि वह एक कट्टरपंथी संगठन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) का सदस्य था और आईएसआई से करीबी संबंध रखता था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अज्ञात बंदूकधारियों ने मीर पर उस समय हमला किया, जब वह तुरबत की एक स्थानीय मस्जिद से नमाज अदा करने के बाद बाहर निकल रहा था. हमलावरों ने उसे बेहद नजदीक से कई गोलियां मारीं, जिसके बाद गंभीर रूप से घायल मीर को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
कुलभूषण जाधव को अगवा करने में की थी मदद
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में ईरान-पाकिस्तान सीमा से अगवा किया गया था. इस अपहरण का नेतृत्व जैश अल-अदल के मुल्ला उमर ईरानी ने किया था. बाद में जाधव को विभिन्न बिचौलियों, जिनमें मीर भी शामिल था, के जरिए पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया गया था.
आतंकवादी संगठनों से था करीबी संबंध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीर केवल एक धार्मिक विद्वान नहीं था, बल्कि वह हथियार और मानव तस्करी के धंधे में भी शामिल था. वह अक्सर पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों का दौरा करता था और भारत में घुसपैठ की कोशिशों में मदद करता था. रिपोर्ट के अनुसार, मीर बलूच युवाओं के अपहरण और हिरासत में हत्या में भी शामिल था. इसके अलावा, वह बलूचिस्तान में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा था.