Pakistan Raid: पाकिस्तानी सैनिकों ने सोमवार, (25 सितंबर) को अफगानिस्तान की सीमा से सटे एक संदिग्ध आतंकवादी ठिकाने पर छापेमार कार्रवाई की. मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए सेना ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में तीन आतंकियों की मौत हो गई, जिसमें एक आतंकवादी कमांडर भी शामिल था.
मारे गए लोगों में एक आतंवादी कमांडर भी शामिल
पाकिस्तानी सैन्य द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले खैबर में सोमवार देर रात हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों में एक आतंकवादी कमांडर भी शामिल था. हालांकि, सेना ने इसको लेकर कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दिया है. सेना ने बताया कि लक्षित आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सैनिकों पर कई बार हमला किया.
लगातार बढ़ रहे पाकिस्तानी तालिबान का आतंक
आपको बता दें कि पाकिस्तानी तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के नाम से भी जाना जाता है. यह एक अलग समूह है, लेकिन यह अफगान तालिबान के साथ संबद्ध है. दो साल पहले अमेरिका और नाटो सैनिकों ने 20 साल के युद्ध के बाद देश से वापसी कर ली थी. इसी दौरान तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया था. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पाकिस्तानी तालिबान का हौसला बढ़ गया है और पुलिस और सैनिकों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं.
पाकिस्तान में तेज हुई आतंकी गतिविधियां
गौरतलब है कि, पिछले साल नवंबर में पाकिस्तानी सरकार और तहरीक-ए-तालिबान के बीच संघर्ष विराम समाप्त हो चुका है. जिसके बाद पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियां काफी तेजी से फैल रही है. इसका सबसे ज्यादा असर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में देखने को मिल रहा है.
कई आतंकी गुटों से मिलकर बना टीटीपी
बता दें कि साल 2007 के दिसंबर में कई सारे आतंकी गुट एक साथ आए और इनसे मिलकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का निर्माण हुआ. तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी को पाकिस्तान तालिबान भी कहते हैं. इसका मकसद पाकिस्तान में इस्लामी शासन को लागू करना है.
हालांकि, अगस्त 2008 में पाकिस्तानी सरकार ने टीटीपी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. पाकिस्तान तालिबान और अफगानिस्तान के तालिबान ये दोनों अलग है, लेकिन दोनों का मकसद एक ही है. दोनों ही सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है और कट्टर इस्लामिक कानून लागू करना चाहती है. First Updated : Tuesday, 26 September 2023