Pakistan: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल से रिहाई के लिए पाकिस्तान में पीटीआई के समर्थक और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं. देश की जनता इस समय गहरे संकट और गुस्से में है. उनका कहना है कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए सरकार ही जिम्मेदार है. कई लोग इसे देश की छवि एक जेल की तरह मानते हैं, जहां एक कैदी के कारण पूरी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था संकट में है. इस बीच, कई जगहों पर लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
पाकिस्तानी यूट्यूबर सोहेब चौधरी ने इमरान खान के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों पर पाकिस्तान की जनता से बात की. एक नागरिक ने बताया कि इन प्रदर्शनों के कारण महंगाई बढ़ती जा रही है. उसने कहा कि अगर इमरान खान दोषी हैं तो उन्हें सजा दी जाए, लेकिन अगर वे दोषी नहीं हैं तो उन्हें रिहा किया जाए. लेकिन सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन घटनाओं से पाकिस्तान की आम जनता को कोई भी परेशानी न हो.
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने सवाल उठाया कि पाकिस्तान में जो अफगानिस्तान और बलूचिस्तान सीमा पर विवाद होते हैं, सरकार हमेशा इसे भारत और उसकी खुफिया एजेंसी रॉ से जोड़ती है, लेकिन अब जब इस्लामाबाद में समस्याएं पैदा हो रही हैं, तो इसे कौन करवा रहा है? उसने कहा कि अगर हम अब भी इसे भारत पर थोपने की कोशिश करेंगे तो यह हमारी सबसे बड़ी गलती होगी.
पाकिस्तान की जनता ने सरकार से यह सवाल भी पूछा कि अगर अमेरिका और भारत की वजह से यह सब हो रहा है, तो हमारी एजेंसियां कहां हैं? क्या हमारी सुरक्षा एजेंसियां देश की हालत सुधारने में नाकाम हो गई हैं?
इसी दौरान, एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा कि हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति पाकिस्तान आए थे, जबकि उसी समय देश में धरने और प्रदर्शन हो रहे थे. उसने यह भी कहा कि भारत में जब विदेशी नेताओं का दौरा होता है, तो वहां के लोग अपनी संस्कृति और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन पाकिस्तान में मेहमानों को धरने और कंटेनरों का सामना करना पड़ता है. क्या यह सही है?
महंगाई के कारण पाकिस्तान की 50 आबादी मानसिक तनाव का सामना कर रही है. एक नागरिक ने बताया कि लोग पाकिस्तान में खुद को आज़ाद महसूस नहीं कर रहे हैं, और बढ़ती महंगाई के कारण उनका जीवन मुश्किल हो गया है. इस्लामाबाद में लागू लॉकडाउन के कारण, यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो वह अस्पताल तक नहीं पहुंच सकता.
पाकिस्तान की जनता ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में पाकिस्तान का मजाक बन रहा है और इसके लिए पाकिस्तानी खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हालत बहुत गंभीर हो चुकी है, और हम सभी मजहबी सोच से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. मजहब के नाम पर एक दूसरे को मारने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जो देश के लिए बेहद चिंताजनक है. First Updated : Wednesday, 27 November 2024