Palestine-Israel War: क्या था 'ऑपरेशन एंटेबे' जिसका हिस्सा थे बेंजामिन नेतन्याहू के भाई, 100 से ज़्यादा यहूदियों को कराया था आज़ाद
Palestine-Israel War: इजराइल के बहुत से लोगों को फिलिस्तीन ने बंधक बनाया हुआ है. इजराइल के सामने पहले भी ऐसी स्थिति सामने आ चुकी जब यहूदियों को बंधक बनाया गया था.
Palestine-Israel War: 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से दोनों के बीच जंग जारी है. दोनों ही तरफ के लोग मारे जा रहे है, हमास ने इजराइल के सैकड़ों लोगों को बंदी बना लिया है. ये पहली बार नहीं है जब इजराइल के सामने इस तरह के हालात सामने आए हैं. इससे पहले भी ऐसी स्थिति आ चुकी है, जब यहूदियों को बंधक बनाया गया था. उस दौरान एक स्पेशल ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें बेंजामिन नेतन्याहू के भाई योनी नेतन्याहू ने अहम भूमिका निभाई थी. इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन एंटेबे' रखा गया था, जिसमें 100 से ज़्यादा बंधकों को आज़ाद कराया गया था.
इजराइल के लिए अपने बंधकों को छुड़ाने के लिए जमीनी कार्रवाई करना कोई नई बात नहीं है. इजराइल के सबसे प्रसिद्ध सैन्य नायकों में से एक, पीएम नेतन्याहू के बड़े भाई योनातन (योनी) नेतन्याहू 1976 में सबसे प्रसिद्ध ऑपरेशन, ऑपरेशन एंटेबे का हिस्सा थे. इसके तहत 100 से अधिक यहूदी बंधकों को आज़ाद कराया था.
क्या था 'ऑपरेशन एंटेबे'
योनी नेतन्याहू इज़रायली सेना के कुलीन सायरेट मटकल के एक सम्मानित अधिकारी थे. 4 जुलाई 1976 को उन्होंने उस मिशन का नेतृत्व किया जिसके तहत 102 यहूदी बंधकों को मुक्त कराया गया. दरअसल, यहूदियों को 'पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन' और पश्चिम जर्मन वामपंथी कट्टरपंथी समूह 'रेड आर्मी फैक्शन' के सदस्यों द्वारा युगांडा के एंटेबे में बंधक बना लिया गया था.
आतंकियों ने विमान को किया था हाईजैक
ये सभी यात्री एथेंस से तेल अवीव जा रहे एयर फ्रांस के विमान में सवार थे. इस विमान को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. वे उसे युगांडा ले गए, जहाँ हिंसक तानाशाह ईदी अमीन शासन करता था और वह फ़िलिस्तीनियों का प्रबल समर्थक था.
लोगों की हिफाजत के लिए दी जान
इन आतंकियों ने विमान के 258 यात्रियों में से उन लोगों को भी छोड़ दिया था जो इजरायली या यहूदी नहीं लग रहे थे. बाकी लोगों को बंधक बना लिया गया. वे इजराइल, केन्या, पश्चिमी जर्मनी और कुछ अन्य देशों की जेलों में बंद 53 आतंकवादियों की रिहाई की मांग कर रहे थे.
जवाब में, इज़राइल ने अपने चार हरक्यूलिस विमानों में लगभग 200 सैनिक और एक कमांडो समूह भेजा. इजरायली कमांडो ने उस टर्मिनल को तोड़ दिया जहां बंधकों को रखा गया था. वे 102 लोगों को बचाने में कामयाब रहे और सभी आतंकवादियों और युगांडा के दर्जनों सैनिकों को मार गिराया गया.
इस गोलीबारी में तीन बंधकों की मौत हो गई. हमले के दौरान योनी नेतन्याहू की भी मौत हो गई. मारे गए लोगों में वह एकमात्र इज़राइली थे. बाद में उनके सम्मान में इस ऑपरेशन का नाम बदलकर मिवत्सा योनातन (ऑपरेशन योनातन) कर दिया गया.