Israel-Palestine war: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने 'जो बाइडन' के साथ की बैठक रद्द, अस्पताल में हमले के बाद लिया फैसला
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जब अस्पताल पर हवाई हमले के दौरान यहां पर अल-अहली अस्पताल में सैंकड़ों सैंकड़ों लोगों ने शरण ली हुई थी.
Israel-Palestine war: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और पश्चिम एशियाई नेताओं के साथ होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि गाजा में एक अस्पताल में हमले के बाद राष्ट्रपति अब्बास ने यह फैसला लिया है.
जॉर्डन में करनी थी बैठक
बता दें कि राष्ट्रपति अब्बास को जॉर्डन के अम्मान में बुधवार को प्रस्तावित बैठक में शाह अब्दुल्ला द्वितीय और मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ शामिल होना था. इस प्रस्तावित बैठक में अब्बास को बाइडेन के साथ मिलकर हमास-इजरायल युद्ध पर बैठक करनी थी. अब हमास के स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि इजरायल की ओर से हवाई हमले से अस्पताल में 500 लोगों की मौत हो गई है.
#WATCH | Joint Base Andrews, Maryland: US President Joe Biden departs for Israel.
— ANI (@ANI) October 17, 2023
(Source: Reuters) pic.twitter.com/lp2A0PHErf
हमले पर इजरायली सेना ने नहीं दिया बयान
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जब अस्पताल पर हवाई हमला हुआ तो यहां पर अल-अहली अस्पताल में सैंकड़ों सैंकड़ों लोगों ने शरण ली हुई थी. द एसोसिए़टेड को भेजी गई कुछ तस्वीरों में अस्पताल के हॉल में भयंकर आग लगी हुई थी. टूटे हुए कांच के बीच लोगों के शव क्षत-विक्षत पड़े हुए थे. अभी तक इजरायली सेना का इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
पिछले 12 दिनों में 4000 लोगों की हुई मौत
इजरायल-हमास युद्ध में पिछले 12 दिनों में करीब 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. अब युद्ध के साथ बाइडेन की यात्रा काफी अहम मानी जा रही है. क्योंकि अब अमेरिकी राष्ट्रपति ही इस युद्ध का कोई समाधान निकाल सकते हैं. राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर एनएससी समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि इस यात्रा के मुख्य दो पड़ाव होंगे. जिसमें तेल अवीव से संपर्क करना और दूसरा जॉर्डन की बैठक में शामिल होना. इन दोनों पड़ाव में मीटिंग करने के बाद वह साफ करेंगे की वह इस युद्ध में किसके साथ हैं. साथ ही इस युद्ध को कितना लंबा खींचने की सोच रहे हैं. इस दौरान बंधक बनाए गए लोगों पर भी विचार किया जाएगा. जिसमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं.