कनाडा में 'खाने के पड़े लाले'! माता-पिता अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए कर रहे ये काम
कनाडा में आर्थिक संकट गहरा गया है. यहां लोग अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में हर चार में से एक माता-पिता अपने बच्चों को खाना देने के लिए खुद का खाना कम कर रहे हैं. वहीं, देश में 90% लोग खाने-पीने के खर्चों में कटौती करने को मजबूर हैं.
Canada crisis news: जस्टिन ट्रूडो के कनाडा में आर्थिक संकट ने गंभीर रूप ले लिया है. बढ़ती महंगाई, जीवन-यापन की बढ़ती लागत, और रोजगार की कमी ने लोगों को अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया है.
बच्चों के लिए त्याग रहे अपना भोजन
साल्वेशन आर्मी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में हर चार में से एक माता-पिता अपने बच्चों को पर्याप्त भोजन देने के लिए खुद का खाना कम कर रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि देश में 90% लोग खाने-पीने के खर्चों में कटौती करने को मजबूर हैं.
फूड बैंकों की स्थिति भी चिंताजनक है. खाली हो रहे फूड बैंक अब जरूरतमंदों को पूरा नहीं कर पा रहे, जिससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर भारतीय छात्रों, को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
माता-पिता और बच्चों पर संकट का प्रभाव
रिपोर्ट के मुताबिक, माता-पिता सस्ती और कम पौष्टिक चीजों की ओर रुख कर रहे हैं. लेकिन लंबे समय तक ऐसे भोजन का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. बच्चों की भलाई के लिए माता-पिता के इस त्याग ने कनाडा में भूख की गंभीरता को उजागर कर दिया है.
सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना
2024 में होने वाले आम चुनावों को लेकर कनाडा की जनता सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रही है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नीतियों और उनकी सरकार पर लोगों का विश्वास डगमगा गया है. वीडियो और पोस्ट्स के माध्यम से जनता अपनी नाराजगी व्यक्त कर रही है.
जस्टिन ट्रूडो का राहत पैकेज
इस संकट के बीच, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 14 दिसंबर से दो महीने के लिए किराने के सामान और बच्चों के कपड़ों पर जीएसटी और एचएसटी हटाने की घोषणा की है. हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यह कदम चुनावी रणनीति के तहत उठाया गया है.
ऐसे में कनाडा के इस संकट ने ना केवल सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि को प्रभावित किया है.