PM Modi America Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 3 दिवसीय अमेरिका दौरे से भारत के लिए रवाना हो गए हैं. अपने तीन दिन की यात्रा में उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस दौरान भारत की बात करने के साथ ही उन्होंने कई दिग्गजों से मुलाकात की और भारत की प्रतिबद्धता जाहिर की. सबसे ज्यादा चर्चा उनकी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की हो रही है. जिसमें उन्होंने अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान हुई बात को लागू करने की प्रतिबद्धता दिखाई है. इसके साथ ही PM मोदी ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास में एक अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है. चाहे यूक्रेन संकट का समाधान हो या अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की बात हो, भारत की दृष्टि मानव कल्याण और सतत विकास पर केंद्रित है.
रविवार को पीएम मोदी ने लॉन्ग आइलैंड में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बड़े जनसमूह को संबोधित किया. सोमवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के "भविष्य के शिखर सम्मेलन" में अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया. अपने दौरे के दौरान, मोदी ने कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के बाद उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "यूक्रेन में पिछले महीने की मेरी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं"
न्यूयॉर्क के अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मानवता की सफलता "संगठित शक्ति" में निहित है, न कि युद्ध में. उन्होंने वैश्विक शांति और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया. PM मोदी ने कहा कि साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्र नए संघर्ष के क्षेत्र बनते जा रहे हैं. उन्होंने वैश्विक डिजिटल शासन की मांग की ताकि राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की जा सके.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. सतत विकास की सफलता का प्रमाण है. उन्होंने इस अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने की बात कही.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. इसके साथ ही, उन्होंने साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्रों को नए संघर्ष के रूप में चिह्नित किया. हमारी सामूहिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैश्विक स्तर पर संतुलित नियमों की आवश्यकता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले आयोजित इस शिखर सम्मेलन में, मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक समृद्धि और मानवता के अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करेगा. प्रधानमंत्री ने "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" की अवधारणा को भारत की प्रतिबद्धता बताया और "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" और "एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड" जैसे भारतीय पहलुओं पर जोर दिया.