PM Modi On COP-28: पीएम मोदी COP-28 में हुए शामिल , UAE और भारत के बीच बेहतर साझेदारी की जताई उम्मीद
PM Modi On COP-28: पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में होने जा रहे COP-28 के आयोजन को लेकर उम्मीद जताई है कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन कार्रवाई में साझा प्रयास करेंगे.
हाइलाइट
- PM ने UAE की अध्यक्षता में होने जा रहे COP-28 के आयोजन को लेकर जताई उम्मीद
PM Modi On COP-28: प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन कार्यों पर यूएई और भारत के बीच बेहतर साझेदारी की उम्मीद जताई है. पीएम ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, 'भारत आशा करता है कि संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आयोजित COP-28 प्रभावी जलवायु कार्रवाई में नई गति लाएगा, भारत और UAE भागीदार के रुप में खड़े हैं. हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा को प्रभावित करने के अपने संयुक्त प्रयासों में दृढ़ हैं.'
अपने इंटरव्यू में पीएम ने आगे कहा 'यह पहचानना आवश्यक है कि विकासशील देशों ने समस्या के निर्माण में योगदान नहीं दिया है. फिर भी विकासशील देश इसके निवारण के लिए इसका हिस्सा बनने के इच्छुक हैं. वे आवश्यक वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के बिना योगदान नहीं कर सकते. इसलिए मैंने अपेक्षित जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग की वकालत की है.'
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटना
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सम्मेलन का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका था. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने पर ध्यान दिया जाएगा. इस Global Organization से पहले आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ने एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें कहा गया है कि पिछले वर्षों में हुए इन शिखर सम्मेलनों में किए गए वादे पूरे नहीं किए गए हैं, सबसे महत्वपूर्ण वादा जिसमें सभी विकसित देशों ने पर्यावरण को बचाने के लिए सभी विकासशील देशों को 100 अरब डॉलर देने पर सहमति जताई थी, जो कि पूरा नहीं हुआ है. विकसित देशों ने विकासशील देशों को देने के लिए केवल 89.6 बिलियन डॉलर जुटाए.
क्या है COP?
दुबई में होने जा रहा यह वैश्विक सम्मेलन (global conference) COP का मतलब है कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज. ये उन देशों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु समझौते पर दस्तख़त किए थे. 198 देश इसके सदस्य हैं, 160 वैश्विक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है इसमें. COP की यह 28वीं बैठक है. इसी कारण से इसे COP28 नाम दिया गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक निश्चित रखने के दीर्घकालिक लक्ष्य की योजना बनाई जाएगी. बता दें कि 2015 में पेरिस में हुए समझौते में लगभग 200 देशों के बीच इसे लेकर बात बनी थी. जहां कि इसमें दुनियाभर के 70 हजार से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं.