फ्रांस के बाद अमेरिका जाने वाले हैं PM MODI, ट्रंप के साथ इन मुद्दों पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी 13 फरवरी को वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद वायुसेना या नौसेना के लिए अतिरिक्त राफेल विमान की कोई घोषणा नहीं की जाएगी.

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 13 फरवरी को वॉशिंगटन डीसी में बैठक होगी, जिसमें "इंडो-पैसिफिक" क्षेत्र और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर चर्चा की जाएगी. यह क्षेत्र विशेष रूप से चीन के आक्रामक रुख का प्रतीक माना जाता है और इस पर बात करना महत्वपूर्ण है. दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यासों में भाग लेती हैं, जिनमें से मलाबार एक प्रमुख अभ्यास है, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होते हैं.
"इंटरऑपरेबिलिटी" (संवेदनशीलता) इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, ताकि दोनों देशों की सेनाएं आपस में मिलकर सर्च और रेस्क्यू या आपदा राहत कार्यों में सहयोग कर सकें.
क्या चाहता है अमेरिका?
अमेरिका की इच्छा है कि वह भारत को वायुसेना के लिए लड़ाकू विमान बेचे, लेकिन इस मुद्दे पर भारत सावधानीपूर्वक विचार करेगा. हालांकि, ट्रंप भारत को हथियारों की बिक्री को लेकर उत्सुक हो सकते हैं, लेकिन भारत ने पहले ही उन्नत मानव रहित विमान (UAVs) खरीदने का निर्णय लिया है, जिसमें 31 विमान सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए होंगे, और इसकी लागत लगभग 4 बिलियन डॉलर है. इसके अतिरिक्त, अमेरिकी डिजाइन वाले लड़ाकू विमान इंजन भी भारत में बनाए जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी 13 फरवरी को वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे, लेकिन सूत्रों के अनुसार, पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद वायुसेना या नौसेना के लिए अतिरिक्त राफेल विमान की कोई घोषणा नहीं की जाएगी. हालांकि, फ्रांस ने भारतीय वायुसेना को 36 राफेल विमान की आपूर्ति के बाद और 3-4 स्क्वॉड्रन राफेल देने की इच्छा जताई है, लेकिन भारत अपनी "मेक इन इंडिया" योजना को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे टू प्लस टू वार्ता
इसके अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच टेलीफोन पर वार्ता के बाद "2 प्लस 2" वार्ता की योजना बनाई गई है. इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी सचिव ऑफ स्टेट मार्को रुबियो भी शामिल होंगे. यह दोनों नेताओं के बीच पहली परिचयात्मक बातचीत थी, और दोनों ने जल्द से जल्द मुलाकात करने पर सहमति जताई.