पापुआ न्यू गिनी में PM मोदी बोले- जिन्हें अपना माना, उन्होंने नहीं दिया साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज दूसरा दिन है। सोमवार को वहां तीसरे भारत- प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन में शिरकत की. पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ सम्मेलन की सह अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि "पूरी दुनिया आज नई चुनौतियों का सामना कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज दूसरा दिन है। सोमवार को वहां तीसरे भारत- प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन में शिरकत की. पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ सम्मेलन की सह अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि "पूरी दुनिया आज नई चुनौतियों का सामना कर रही है। वैश्विक खाद्य, ईंधन, उर्वरक और फार्मा आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधाएं देखी जा रही हैं। जब कोविड और अन्य परीक्षण के समय ने दुनिया को प्रभावित किया, और जब कुछ विश्वसनीय देश भी मदद के लिए नहीं आए, तो भारत अपने प्रशांत द्वीप मित्रों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से तैयार था।
पीएम मोदी ने कहा कि 'मेरे लिए आप बड़े महासागर देश हैं, छोटे द्वीप देश नहीं। आपका यह महासागर ही भारत को आपके साथ क्वाड है। भारतीय विचारधारा में संपूर्ण विश्व को परिवार की तरह देखा गया है। वसुधैव कुटुंबकम मूल हमारी प्रेरणा है। भारत ग्लोबल साऊथ की चिंताओं, उनकी अपेक्षाओं और उनकी आकांक्षाओं को G-20 के जरिए विश्व के सामने पहुंचाना अपना दायित्व मानता है। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने महत्वकांक्षी लक्ष्य सामने रखे हैं और मुझे खुशी है कि हम इस पर तेजी से काम कर रहे हैं। आप मेरे लिए बड़े महासागर देश हैं, छोटे द्वीप देश नहीं! तुम्हारा यह सागर भारत को तुमसे जोड़ता है।'
आगे उन्होंने कहा कि 'भारतीय विचारधारा में संपूर्ण विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है। 'वसुधैव कुटुम्बकम' हमारी मूल प्रेरणा है; जी20 अध्यक्षता के लिए हमारा विषय, 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' भी इसी भावना पर आधारित है। हमने इस साल जनवरी में 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' का आयोजन किया था। मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने और अपने विचारों को साझा करने के लिए आप सभी को बधाई और धन्यवाद देता हूं। भारत जी-20 के माध्यम से विश्व के दक्षिण देशों की चिंताओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को दुनिया तक पहुँचाना अपना उत्तरदायित्व समझता है।
देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि 'भारत ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं और मुझे खुशी है कि इसे पूरा करने के लिए तेजी से विकास हो रहा है। भारत आपकी प्राथमिकताओं का सम्मान करता है। आपका डेवलपमेंट पार्टनर होने पर गर्व महसूस करता है। मानवीय सहायता हो या आपका विकास... भारत को आप भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख सकते हैं, विश्वास कर सकते हैं। हम बिना किसी संकोच के अपनी क्षमताएं और अनुभव आपके साथ साझा करने को तैयार हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि "QUAD में भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर उचित ध्यान दिया जा रहा है; हमने इस क्षेत्र के मुद्दों पर व्यापक चर्चा की है। हमने पलाऊ में रेडियो एक्सेस नेटवर्क सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। साथ ही हमने हिंद-प्रशांत देशों के साथ सहयोग और साझेदारी को और मजबूत करने का फैसला किया है। भारत को आपका विकास भागीदार होने पर गर्व है। मानवीय सहायता हो या कोई अन्य पहलू, आप भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख सकते हैं और भरोसा कर सकते हैं। हम बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ अपनी क्षमताओं और अनुभव को साझा करने के लिए तैयार हैं।"