Bangladesh: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे. वहीं भारत आने से पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश के हिंदू खुद को अल्पसंख्यक न समझें और बोलीं कि देश जाति, पंथ और धर्म के बावजूद सभी का है क्योंकि उन्होंने 1971 में पाकिस्तानी कब्जे वाली ताकतों के खिलाफ इसकी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी.
खुद को कमजोर न समझें- शेख हसीना
अपने आधिकारिक गनो भवन आवास पर जन्माष्टमी के मौके पर प्रमुख हिंदू समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान ये बातें उन्होंने कहीं. शेख हसीना ने कहा कि हिंदू खुद को अल्पसंख्यक क्यों कहेंगे? यहां अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक जैसा कुछ नहीं है. अल्पसंख्यक के तौर पर खुद को कमजोर मत समझिए. जब आप इस देश के लोग हैं तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?
आगे शेख हसीना ने कहा कि कहा कि जो लोग इस मिट्टी में पैदा हुए हैं, वे इसी मिट्टी की संतान हैं और उनके पास नागरिक अधिकार हैं, इसलिए, आप उसी के अनुसार जीएंगे. आगे उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि आप सभी अपने-अपने धर्मों का ठीक से पालन करें. साथ ही उन्होंने देश की धार्मिक सद्भावना को नष्ट करने और इसकी उन्नति के खिलाफ प्रचार करने वाले किसी भी कदम के खिलाफ निरंतर निगरानी रखने का आह्वान किया.
धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की कोशिश
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा बांग्लादेश में धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और सामाजिक एकजुटता बनाए रखने की कोशिश करती है, जहां कोई दूसरे को कमजोर नहीं करेगा और सभी लोग समान अधिकारों का आनंद लेते हुए जीवन व्यतीत करेंगे. हम जानते हैं कि हर जगह कुछ निहित लोग हैं, जो कुछ समस्याएं पैदा करना चाहते हैं. सभी को ध्यान देना होगा ताकि कोई भी समस्याएं पैदा न कर सके.
बांग्लादेश में मुसलमानों के बाद हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है जबकि उनके बाद बौद्ध और ईसाई आते हैं. इस साल के G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हसीना शुक्रवार दोपहर ढाका से नई दिल्ली के लिए रवाना होने वाली हैं. First Updated : Thursday, 07 September 2023