पीएनएस असलात वॉरशिप 'लापता'? वादे के बावजूद नहीं पहुंचा बांग्लादेश, पाकिस्तान मुकरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बैंकॉक में मुलाकात की और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. इस बीच, बांग्लादेश के नए उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. एक पेशेवर और बेहद अनुभवी राजनयिक, एक कट्टरपंथी राजनीतिक व्यक्ति के विपरीत, उन्हें मोदी-यूनुस की मुलाकात के बाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.

पिछले साल बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट होने के बाद ढाका और इस्लामाबाद के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं. बांग्लादेश सरकार के अंतरिम प्रमुख ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात कर इन अटकलों को और बल दे दिया. इस दौरान पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तान सेना का युद्धपोत पीएनएस असलात बांग्लादेश के दौरा करेगा. हालांकि, अब इस्लामाबाद अपने वादे से मुकरता नजर आ रहा है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जब बांग्लादेश नौसेना के एक फ्रिगेट ने एक दशक से भी ज्यादा समय में पहली बार पाकिस्तानी नौसेना के अभ्यास में हिस्सा लिया. असलात की बांग्लादेश यात्रा भी महत्वपूर्ण होगी: यह लगभग 20 वर्षों में पहली होगी.
कई देशों में गया पाकिस्तानी वॉरशिप
आपको बता दें कि यह इंडोनेशिया गया था और कराची वापस लौटते समय चटगांव में जाना था, लेकिन यह दौरा अभी नहीं हुआ. न ही जहाज को किसी तकनीकी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. पाकिस्तान ने अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. इंडोनेशिया में तीन दिन रहा. वापसी में चटगांव के बजाय यह श्रीलंका पहुंचा और फिर यह मालदीव के माले गया, फिर वापस पाकिस्तान लौट गया. इस दौरान पाकिस्तान का युद्धपोत कई बंदरगाहों पर रुका, लेकिन बांग्लादेश नहीं गया. असलात की अनुपस्थिति निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के इच्छुक वर्तमान सत्ता के कट्टरपंथी वर्ग को निराश करती, जब दोनों देशों ने 1971 की यादों को भुला दिया है.
पीएम मोदी से यूनुस ने की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने बैंकॉक में मुलाकात की और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. अहसानगंज, नौगांव में पिछले अगस्त में प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की एक प्रतिमा गिरा दी थी और रिपोर्टों के अनुसार यह पिछले आठ महीनों से वहीं पड़ी हुई है. गांधी निस्संदेह शांति के प्रतीक थे और मुख्य सलाहकार शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता हैं.
इस बीच, बांग्लादेश के नए उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. एक पेशेवर और बेहद अनुभवी राजनयिक, एक कट्टरपंथी राजनीतिक व्यक्ति के विपरीत, उन्हें मोदी-यूनुस की मुलाकात के बाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. उच्चायुक्त भारत को जानते हैं, क्योंकि वे कई साल पहले यहां छात्र रह चुके हैं.