Political Storm in Bangladesh: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल ने इस बार भारत के लिए चिंता का कारण बना दिया है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को हाल ही में लंदन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इसके बाद से ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार के लिए राह अब और आसान हो गई है।
खालिदा जिया का इलाज: लंदन में भर्ती
बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को गंभीर स्वास्थ्य समस्या के कारण लंदन के एक विशेष अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनका इलाज प्रोफेसर पैट्रिक कैनेडी के नेतृत्व में हो रहा है। खालिदा जिया का यह इलाज उनके बेटे तारिक रहमान से मुलाकात के बाद हुआ, जो कई सालों से उनसे दूर थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर परिवार और पार्टी के नेताओं ने चिंता जताई है, और यह कदम उनके इलाज के लिए जरूरी था।
शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द
इसी बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। यह कदम कई राजनीतिक विवादों के बाद उठाया गया है, जिसमें हसीना और उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप लगाए गए हैं। शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है। यह घटनाक्रम बांग्लादेश में नए राजनीतिक बदलाव की ओर इशारा करता है, जहां मोहम्मद यूनुस की सरकार को समर्थन मिल सकता है।
मोहम्मद यूनुस का मार्ग साफ?
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बीच, मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का भविष्य अब और मजबूत दिखाई दे रहा है। यूनुस, जो पहले से ही इस देश के राजनीतिक मामलों में गहरी पकड़ रखते हैं, अब बिना किसी बड़े राजनीतिक विरोध के सत्ता में बने रह सकते हैं। उनके सामने चुनौती देने वाले शेख हसीना और खालिदा जिया अब राजनीतिक रूप से कमजोर हो चुके हैं।
हालांकि, बांग्लादेश के राजनीतिक समीकरण अभी भी जटिल हैं, लेकिन यह साफ नजर आ रहा है कि आने वाले समय में यूनुस की सरकार और भी मजबूत हो सकती है, क्योंकि हसीना और जिया की राजनीति अब काफी हद तक विदेशों में सिमट चुकी है।
क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र का भविष्य खतरे में है?
इस समय बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है। एक ओर जहां शेख हसीना और खालिदा जिया के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की सरकार का स्थायित्व बढ़ता दिख रहा है। लोकतंत्र समर्थक इस राजनीतिक घटनाक्रम से चिंतित हैं, क्योंकि यह बदलाव बांग्लादेश के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है। इस बीच, बांग्लादेश के लोग अब यह जानना चाहते हैं कि आगामी चुनावों में क्या होगा, और यूनुस के नेतृत्व में देश किस दिशा में जाएगा। यह घटनाक्रम बांग्लादेश के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है और भारतीय सरकार भी इसे लेकर चिंतित है, क्योंकि इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर भी पड़ सकता है। First Updated : Thursday, 09 January 2025