साजिश के संकेत? शेख हसीना के तख्तापलट के बाद राजनीतिक हलचल तेज़, विरोधियों में बढ़ी एकजुटता!
Bangladesh Politics: बांग्लादेश में आर्म्ड फोर्स डे पर खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया शामिल हुई. खालिदा जिया 6 सालों बाद सार्वजनिक तौर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नज़र आईं.
Bangladesh Politics: शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. उनकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, खालिदा जिया, 6 साल के बाद सार्वजनिक रूप से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नज़र आईं, जहां उनकी उपस्थिति ने कई राजनीतिक संकेत दिए. खास बात ये कि उनके ठीक बगल वाली कुर्सी पर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
12 साल में पहली बार शामिल हुईं खालिदा जिया
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सेनाकुंजा में आर्म्ड फोर्स डे के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में 79 वर्षीय खालिदा जिया ने 12 साल बाद हिस्सा लिया. उनके साथ उनकी बहू शर्मिला रहमान और बीएनपी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य जाहिद हुसैन भी मौजूद थे.
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार उज्जमां, नेवी चीफ एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन और वायुसेना के एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
खालिदा जिया की तारीफ में यूनुस ने क्या कहा?
यूनुस ने अपने संबोधन में खालिदा जिया की विशेष रूप से तारीफ करते हुए कहा,"हम विशेष रूप से भाग्यशाली और गौरवान्वित हैं कि तीन बार की प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और शहीद राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी बेगम खालिदा जिया हमारे बीच मौजूद हैं।"
इस दौरान बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम ने कहा,"पूरा देश खुश है, और हम मैडम (खालिदा) को दिए गए सम्मान के लिए आभारी हैं."
शेख हसीना का तख्तापलट: क्या हुआ था?
बांग्लादेश में जून 2024 से शुरू हुए आरक्षण विरोधी आंदोलन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया.
5 अगस्त 2024 को भारी विरोध और हिंसा के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया. इसके बाद बांग्लादेश में सेना ने अंतरिम सरकार का गठन किया, जिसका नेतृत्व मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं.
हाल ही में अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद यूनुस ने स्वीकार किया कि शेख हसीना सरकार का तख्तापलट कोई संयोग नहीं था बल्कि पूरी योजना के तहत किया गया एक आंदोलन था