15 महीने तक प्रेगनेंट रही महिला, दिलाया गया गर्भवती होने का आभास... 'फ्रॉड डिलीवरी' का बड़ा खुलासा
International news: नाइजीरिया में एक महिला ने दावा किया कि वो करीब 15 महीने तक गर्भवती रही है. लेकिन इसके पीछे बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. इस धोखाधड़ी में बच्चे की चाह रखने वाले कपल्स को जाल में फंसाया जाता था. जिसके बाद अब सरकार इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
International news: मां बनने का एहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. ये किसी वरदान से कम नहीं होता. लेकिन इसके साथ ही महिला के लिए कई सारी अनकही चुनौतियां भी होती है. मां बनने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जो सिर्फ एक महिला ही समझ सकती है. वहीं नाइजीरिया में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला का 15 महीने तक गर्भवती होने का दावा किया. इस घटना ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है.
15 महीने की गर्भावस्था: क्या है मामला?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नाइजीरिया में "प्रजनन घोटाले" के नाम से एक धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है. चियोमा नामक महिला ने कहा कि वह 15 महीने तक गर्भवती रही. नाइजीरियाई अधिकारियों ने इस दावे को "असाधारण" बताते हुए मामले की गहराई से जांच शुरू की. चियोमा और उनके पति आइके द्वारा जन्मे बच्चे "होप" को सरकारी अधिकारी उनका जैविक बच्चा मानने से इनकार कर रहे हैं.
उपचार की शुरुआत
चियोमा ने बताया कि गर्भधारण के लिए उन्हें परिवार के दबाव का सामना करना पड़ा. वह एक ऐसे क्लीनिक गई, जो "गर्भावस्था के असामान्य तरीकों" का दावा करता था. इन क्लीनिकों में रहस्यमय इंजेक्शन और मिश्रण देकर इलाज के नाम पर धोखा दिया जाता था.
शिशु तस्करी का पर्दाफाश
बीबीसी अफ्रीका आई की जांच ने इस घोटाले का भंडाफोड़ किया. बच्चे की चाह रखने वाले दंपतियों को फर्जी डॉक्टर नकली इलाज के नाम पर लुभाते थे. महिलाओं के शरीर में सूजन या बदलाव दिखाकर उन्हें यकीन दिलाया जाता था कि वे गर्भवती हैं. महिलाओं से कहा जाता था कि वे किसी पारंपरिक डॉक्टर के पास न जाएं, क्योंकि कोई भी टेस्ट "बच्चे" का पता नहीं लगा पाएगा.
फर्जी डिलीवरी की प्रक्रिया
जब डिलीवरी का समय आता था, तो महिलाओं को धोखे से फंसाया जाता था. महिलाओं से कहा जाता कि उन्हें दुर्लभ और महंगी दवा की जरूरत होगी. महिलाओं को बेहोश कर उनके शरीर पर सिजेरियन जैसा चीरा लगाया जाता था. कुछ महिलाओं को इंजेक्शन देकर नींद और भ्रम की स्थिति में रखा जाता, ताकि उन्हें लगे कि वे वास्तव में बच्चे को जन्म दे रही हैं.
सरकार की जांच और अगला कदम
बच्चों की तस्करी और महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की इस घटना ने प्रजनन उपचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार अब इन क्लीनिकों और डॉक्टरों के नेटवर्क का पता लगा रही है.