तख्तापलट के 4 साल बाद म्यांमार में चुनाव की तैयारी, क्या देश में और फैलेगी अराजकता?

चार साल पहले हुए सैन्य तख्तापलट के बाद, म्यांमार का सैन्य शासन अब देश में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है. हालांकि विपक्षी ताकतों ने चुनावों को विघटित करने की धमकी दी है. ऐसे में देश का माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष का कहना है कि आपातकाल लगाकर चुनाव कराने से देश में शांति नहीं आ सकती है.

Myanmar Election:  म्यांमार में तख्तापलट के 4 साल बाद अब चुनाव की तैयारी चल रही है. इसके लिए बकायदा जनगणना कराई गई और अब मतदान के लिए 6 महीने का अतिरिक्त आपातकाल लगाया गया है. म्यांमार का 2024 का जनगणना अभियान सबसे विवादास्पद और खतरनाक साबित हुआ. जनगणना करने वाले और उनके सुरक्षा गार्डों को विपक्षी समूहों द्वारा लगातार हमलों का सामना करना पड़ा.

इस दौरान अक्टूबर और दिसंबर 2024 के बीच कई सैनिक मारे गए. जनगणना के परिणामों को जनवरी में जारी करते हुए म्यांमार के मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय सुलह के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता बताया, लेकिन यह सैन्य शासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले चुनावों से पहले का आखिरी कदम था. यह चुनाव म्यांमार में चार साल पहले लोकतांत्रिक सरकार के तख्तापलट के बाद पहला होगा. 

विपक्ष ने कहा- यह सिर्फ दिखावा

म्यांमार की सैन्य सरकार चुनाव को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की वापसी के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्षी दल इसे केवल सैन्य शासन को वैधता देने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं. राष्ट्रीय एकता सरकार (NUG) के प्रवक्ता ने कहा कि 'यह चुनाव एक धोखा होगा, केवल दिखावा.' उन्होंने अल जजीरा से कहा, 'सेना का मानना ​​है कि चुनाव कराना एक निकास रणनीति होगी और वे दिखावटी चुनाव आयोजित करके कुछ देशों की नजरों में वैधता प्राप्त कर सकते हैं.' लेकिन इस चुनाव से स्थिरता नहीं आएगी. इससे और अधिक अस्थिरता और हिंसा बढ़ेगी.' 

2021 में हुआ था सैन्य तख्तापलट

2020 के आम चुनाव में आंग सान सु ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) ने भारी जीत हासिल की थी, लेकिन फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट ने उनका सत्ता में होना समाप्त कर दिया. सैन्य सरकार ने चुनाव परिणामों को धोखाधड़ी के आधार पर निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके कोई ठोस प्रमाण नहीं पेश किए गए थे. 

देश में 6 महीने का बढ़ाया गया आपातकाल

अब सैन्य सरकार ने छह महीने के लिए आपातकाल की स्थिति और बढ़ा दी है और कहा है कि चुनाव के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता है. सेना ने आपातकालीन शासन के विस्तार की घोषणा करते हुए कहा कि 'आम चुनाव को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए अभी भी और कार्य किए जाने बाकी हैं.' इसमें कहा गया, 'विशेष रूप से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए स्थिरता और शांति अभी भी आवश्यक है.'

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01 February 2025, 05:18 PM IST

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