PAK: सत्ता संभालते ही राष्ट्रपति और नवाज शरीफ का बिगड़ा खेल, सख़्त हुई अदालत
Pakistan News: पाकिस्तान में सँभालते ही पूर्व प्रधानमंत्री और मौजूदा राष्ट्रपति समेत कई लोगों की मुश्किलों में इज़ाफ़ा हो गया है. जानिए आख़िर क्या है मामला
Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों जेल में हैं, उन्हें कई मामलों में अदालत ने दोषी पाया और कई वर्षों की सज़ा का ऐलान किया है. लेकिन बात सिर्फ़ यहीं नहीं रुकी, अब हाल ही में देश की राष्ट्रपति बनने वाले आसिफ़ अली ज़रदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की मुश्किलों में भी इज़ाफ़ा हो सकता है. आसिफ ज़रदारी और नवाज़ शरीफ़ से संबंधित इस मामले में नेशनल अकाउंटिब्लिटी ब्यूरो (NAB) ने रिपोर्ट तलब कर ली है.
डॉन न्यूज के मुताबिक, NAB कोर्ट के जज नासिर जावेद राणा ने मामले की सुनवाई की. इस मौके पर NAB की तरफ़ से पेश होने वाले वकील अज़हर मकबूल शाह ने कहा कि नवाज शरीफ ने बड़ी जांच के लिए आवेदन किया था, नवाज शरीफ को जांच में शामिल कर लिया गया है. अब हमारे जांच अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने अदालत के सामने रिपोर्ट सौंपने के लिए अगली सुनवाई तक का वक़्त माँगा है.
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
इससे पिछली सुनवाई में जवाबदेही अदालत ने सह-अध्यक्ष पीपीपी आसिफ जरदारी, मुस्लिम लीग के अध्यक्ष नवाज शरीफ, नेता पीपीपी यूसुफ रजा गिलानी और अन्य के खिलाफ तोशाखाना मामले में जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया था और आज यानी 19 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए कहा था.
क्या हैं आरोप
पाक मीडिया के मुताबिक आसिफ जरदारी, नवाज शरीफ पर तोशाखाना से ग़ैरकानूनी तौर पर गाड़ियाँ लेने का आरोप है. इसमें कहा गया कि आसिफ जरदारी और नवाज शरीफ ने कारों की कीमत का केवल 15% भुगतान किया और तोशा खाना से कारें प्राप्त कीं. NAB ने आरोप लगाया कि यूसुफ रजा गिलानी ने इस संबंध में नवाज शरीफ और आसिफ जरदारी को मदद की और तोहफ़े हासिल करने व निपटाने की प्रक्रियाओं में अवैध रूप से ढील दी.
ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लीं गाड़ियां
आरोप है कि आसिफ जरदारी को सितंबर और अक्टूबर 2008 में UAE से बीएमडब्ल्यू 750 ली मॉडल 2005, लेक्सस जीप मॉडल 2007 और लीबिया से बीएमडब्ल्यू 760 ली मॉडल 2008) लिए थे. इसके अलावा NAB ने नवाज़ शरीफ़ पर आरोप लगाया था कि 2008 में जब वो किसी भी सरकारी पद पर नहीं थे, फिर भी उन्होंने अप्रैल से दिसंबर 2008 तक उस वक़्त के पीएम यूसुफ़ रजा गिलानी को कोई आवेदन दिए बिना ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से गाड़ियाँ हासिल कीं.