Sri Lanka Election 2024: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान शुरू हो गया. साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है. देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे. मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है.
राष्ट्रपति चुनाव की निगरानी के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चुनाव निगरानी संगठनों के 116 प्रतिनिधि श्रीलंका पहुंचे हैं। पर्यवेक्षकों में 78 यूरोपियन यूनियन यानी कि EU से हैं। EU ने इससे पहले श्रीलंका में 6 बार चुनाव निगरानी की है.2022 में सबसे खराब आर्थिक मंदी के बाद श्रीलंका की सरकार को जनता के गुस्सा सामना करना पड़ा था. राष्ट्रपति चुनाव के लिए 38 प्रत्याशी मैदान में हैं.
मुख्य मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघ, विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा और वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच है। वर्ष 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है. 2022 में अरागालय आंदोलन के बाद से श्रीलंकाई लोगों को पहली बार मतदान करने का अवसर दिया गया है. यहां हमारी उपस्थिति लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति राष्ट्रमंडल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
इस बीच, देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला आम चुनाव है. आज सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान होगा. इस चुनाव में लगभग 1.7 करोड़ पंजीकृत मतदाता मतदान करने के पात्र हैं. चुनाव परिणाम रविवार को घोषित किए जाएंगे.
त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई में विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके (56) और समागी जन बालावेगया (एसजेबी) के मुख्य विपक्षी साजिथ प्रेमदासा (57) से कड़ी टक्कर मिलेगी. विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.
श्रीलंका भारत के प्रमुख विकास भागीदारों में से एक है और ये साझेदारी पिछले कई वर्षों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है. अकेले अनुदान की राशि लगभग 570 मिलियन डॉलर है, भारत सरकार की कुल प्रतिबद्धता 3.5 बिलियन डॉलर से अधिक है. श्रीलंका के साथ भारत की विकास साझेदारी की मांग-संचालित और जन-केंद्रित प्रकृति इस रिश्ते की आधारशिला रही है. अनुदान परियोजनाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, आवास, औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में फैली हुई हैं. First Updated : Saturday, 21 September 2024