प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा: ऐतिहासिक महत्व और दोस्ती के बंधन को मजबूत करने का संकल्प  

कुवैत में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारतीयों के सामर्थ्य और मेहनत को सराहा। उन्होंने भारत और कुवैत के बीच मजबूत संबंधों की अहमियत पर जोर दिया, खासकर कोविड-19 के दौरान सहयोग को उजागर किया. मोदी ने भारत की वैश्विक स्थिति और भविष्य के उद्देश्य को भी स्पष्ट किया, यह दर्शाते हुए कि भारत की ताकत और प्रभाव बढ़ रहे हैं.

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इंटरनेशनल न्यूज. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत में “हला मोदी” कार्यक्रम को संबोधित किया , जहां उन्होंने कहा कि खाड़ी देश में एक “लघु भारत” बसता है. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग की वकालत की और अंतरिक्ष, स्टार्टअप इकोसिस्टम, फिनटेक और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुवैत में भारतीयों ने कुवैती समाज में भारतीय कौशल, तकनीकी क्षमता और परंपरा को जोड़ा है. मोदी ने भारतीय डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और शिक्षकों की सराहना की जिन्होंने कुवैत के चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र को मजबूत किया. उन्होंने कुवैत के नागरिकों द्वारा भारतीयों के सम्मान को भी सराहा, विशेषकर उनकी कड़ी मेहनत, ईमानदारी और कौशल के लिए.

कुवैत ने भारत को आक्सीजन मुहैया करवाई थी

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और कुवैत के बीच मजबूत रिश्तों को "सभ्यता, समुद्र, स्नेह, व्यापार और वाणिज्य" का रिश्ता बताया. उनका कहना था कि दोनों देशों के बीच यह कूटनीतिक संबंधों से ज्यादा दिल से जुड़े हुए हैं. मोदी ने कुवैत के साथ भारत के अच्छे रिश्तों का उदाहरण देते हुए याद किया कि कुवैत ने भारत को कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरी ऑक्सीजन मुहैया कराई थी. और बदले में, भारत ने कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीमें भेजी थीं.

भारत की वैश्विक स्थिति और भविष्य की दिशा

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत की वर्तमान और भविष्य की दिशा बहुत उज्जवल है. उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसकी फिनटेक प्रणाली नंबर 1 है. मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत हरित ऊर्जा, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में वैश्विक केंद्र बनेगा.

 मजबूत सहयोग की आवश्यकता

प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच और अधिक सहयोग की आवश्यकता की बात की और कहा कि भारत के पास "नए कुवैत" के लिए आवश्यक जनशक्ति, कौशल और प्रौद्योगिकी उपलब्ध है. उनका कहना था कि कुवैत में 'नए कुवैत' के निर्माण में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि दोनों देशों के लक्ष्य समान हैं.

समृद्धि की ओर अग्रसर होने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारत की "विकसित भारत" पहल का उल्लेख किया और कहा कि भारत वैश्विक समृद्धि के दृष्टिकोण से 'विश्व बंधु' के रूप में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की गई थी, जो दुनिया को नई दिशा देने में मदद करेगा.

कुवैत यात्रा का ऐतिहासिक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पिछले 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली कुवैत यात्रा थी. कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-सबा के निमंत्रण पर यह यात्रा हो रही है, और यहां भारतीय प्रवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन ने भारत और कुवैत के रिश्तों को और मजबूत किया है, और भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की है.

दोस्ती के बंधन को और मजबूत करेंगे

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि यह यात्रा "भारत और कुवैत के लोगों के बीच विशेष संबंधों और दोस्ती के बंधन को और मजबूत करेगी." First Updated : Saturday, 21 December 2024