केन्या में प्रदर्शनकारियों ने संसद में लगा दी आग, गोलीबारी में 10 की मौत

Kenya News: केन्या की राजधानी नैरोबी में मंगलवार को टैक्सों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल भी हुए हैं. इस दौरान पुलिस की सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प भी हुई है. ऐसे में  प्रदर्शनकारियों ने केन्याई संसद के कुछ हिस्सों में आग लगा दी.

JBT Desk
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Kenya News: केन्या की राजधानी नैरोबी में आज ( 26 जून) टैक्सों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल भी हुए हैं. इस दौरान पुलिस की सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प भी हुई है. ऐसे में  प्रदर्शनकारियों ने केन्याई संसद के कुछ हिस्सों में आग लगा दी जिसके बाद पुलिस को परिसर में घुसने के लिए मजबूर होना पड़ा. संसद पर हमले के बाद राजधानी मे एमरजेंसी लागू कर दी गई है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केन्याई संसद के कुछ हिस्सों में आग लग गई, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर दबाव डालकर परिसर में घुसने की कोशिश की. इससे पहले मंगलवार को, केन्या की संसद ने एक विवादास्पद वित्त विधेयक को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य भारी कर्ज के बोझ को कम करने के प्रयास के तहत अतिरिक्त 2.7 बिलियन डॉलर कर जुटाना है, जिसमें अकेले ब्याज भुगतान वार्षिक राजस्व का 37% हिस्सा खर्च करता है.

बता दें, कि केन्या में कर वृद्धि को लेकर लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.  संसद ने इन उपायों को मंजूरी दे दी, लेकिन बाद में सदन स्थगित कर दिया गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने भवन के बाहर भारी भीड़ लगा दी थी. 

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बरसाए आंसू गैस

रिपोर्ट के अनुसार,  जब राजधानी नैरोबी और अन्य शहरों की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया तथा प्रदर्शनकारियों के सिर के ऊपर से गोलियां भी चलाईं, जबकि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके. 

प्रदर्शनकारी पहले से ही जीवन-यापन की लागत के संकट से जूझ रहे देश में कर वृद्धि का विरोध कर रहे हैं, लेकिन कई लोग राष्ट्रपति विलियम रुटो के पद छोड़ने की भी मांग कर रहे हैं. रुटो ने लगभग दो वर्ष पहले केन्या के कामकाजी गरीबों के लिए आवाज उठाने के मंच पर चुनाव जीता था, लेकिन वे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे कर्जदाताओं की प्रतिस्पर्धी मांगों (competing demands) और कठिनाई में फंस गए हैं, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, जो सरकार से अधिक धन प्राप्त करने के लिए घाटे में कटौती करने का आग्रह कर रहा है.

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25 June 2024, 07:30 PM IST

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