पुतिन के 25 साल: रूस की दोस्ती और दुश्मनी की कड़वी कहानी, जानिए कैसे अमेरिका और यूक्रेन बने दुश्मन और ईरान-सीरिया बने साथी!

व्लादिमीर पुतिन ने रूस में अपनी सत्ता के 25 साल पूरे कर लिए हैं, और इन सालों में उन्होंने रूस के कई पुराने दुश्मनों को अपना दोस्त बनाया है। रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच पुतिन ने चीन और ईरान जैसे देशों से रिश्ते मजबूत किए। वहीं, सीरिया के साथ रूस की पुरानी दोस्ती भी कायम है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुतिन अपनी कूटनीति से रूस को एक नई दिशा में ले जा पाएंगे या ये दोस्ती दुश्मनी में बदल जाएगी? पढ़ें पूरी खबर में क्या है इन रिश्तों का भविष्य!

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Edited By: Aprajita

Putin 25 Years: व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति, ने पिछले 25 वर्षों में रूस की सत्ता में कई बड़ी शिफ्ट्स देखीं हैं। इन 25 वर्षों के दौरान पुतिन ने रूस के बहुत से पुराने दुश्मनों को अपना दोस्त बनाया और कुछ दोस्तों से रिश्ते भी तोड़े। इनमें से कुछ घटनाएं ऐसी थीं, जिन्होंने रूस को वैश्विक राजनीति के केंद्र में खड़ा कर दिया।

रूस और अमेरिका की पुरानी दुश्मनी

पुतिन के सत्ता में आने के बाद रूस और अमेरिका के रिश्ते और खराब हुए। ये दुश्मनी सिर्फ आज के यूक्रेन युद्ध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इतिहास के लंबे दौर से चली आ रही है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीत युद्ध हुआ था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच खटास बढ़ी। रूस ने जब सीरिया में अमेरिका के खिलाफ सैन्य मदद दी, तो अमेरिका को तगड़ा झटका लगा था और बाद में रूस और अमेरिका के रिश्ते और भी खराब हुए। अब, यूक्रेन के मुद्दे ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है।

यूक्रेन और रूस का युद्ध

यूक्रेन, जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा था, आज रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। रूस को यह डर है कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा बनकर उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। यूक्रेन में युद्ध की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है, और अमेरिका ने यूक्रेन की मदद करना शुरू किया, जिससे रूस और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ गया। नाटो के अन्य देश भी अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, जिससे रूस के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं।

चीन और रूस के बीच दोस्ती

जहां रूस के पुराने दुश्मन अमेरिका से रिश्ते खराब हो गए हैं, वहीं पुतिन ने चीन के साथ रिश्ते मजबूत किए हैं। 1980 के दशक तक चीन और सोवियत संघ के बीच खटास थी, लेकिन शीत युद्ध के बाद इन देशों के बीच सहयोग बढ़ा। पुतिन के सत्ता में आने के बाद, चीन के साथ रूस ने कई सैन्य और व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। आज चीन और रूस एक दूसरे के सबसे बड़े रणनीतिक साझेदार माने जाते हैं और दोनों देशों के रिश्ते अमेरिका के खिलाफ हैं

रूस और ईरान का गठबंधन

रूस और ईरान के रिश्ते पहले अमेरिका के खिलाफ थे, लेकिन अब ये दोनों देश एक दूसरे के करीब आ गए हैं। जब ईरान में इस्लामिक क्रांति आई, तो उसने अमेरिका से हाथ खींच लिया और रूस के साथ दोस्ती बढ़ाई। आज दोनों देश एक दूसरे को सैन्य तकनीकी सहायता देते हैं और पश्चिमी देशों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होते हैं।

सीरिया से रूस की गहरी दोस्ती

रूस और सीरिया के रिश्ते सदियों पुराने हैं। सीरिया में शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और बाद में रूस ने सीरिया को मदद दी। जब सीरिया में गृह युद्ध हुआ, तब भी रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ मजबूती से समर्थन किया। रूस के इस समर्थन के कारण सीरिया को पश्चिमी देशों के खिलाफ एक ठोस सहयोग मिला।

आगे क्या होगा?

पुतिन के नेतृत्व में रूस ने अपने पुराने दुश्मनों को अपने दोस्त बनाने की पूरी कोशिश की है। चीन और ईरान जैसे देशों के साथ मिलकर रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार किया है। वहीं, यूक्रेन और अमेरिका के साथ उसकी दुश्मनी आज भी जारी है। पुतिन की कूटनीति ने रूस को एक नए युग में प्रवेश करवा दिया है, जहां रूस की शक्ति और प्रभाव पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है। पुतिन की कूटनीति और रूस के नए दोस्त क्या रूस को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा देंगे या यह दोस्ती दुश्मनी में बदल जाएगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!

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01 January 2025, 09:30 PM IST

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