पुतिन का प्लान पड़ा उल्टा? युक्रेन के साथ युद्ध से रूस की हालत खस्ता
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच साल 2022 में शुरू हुआ युद्ध अब तीन साल का होने को है. इस युद्ध ने दोनों देशों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. साल 2025 में भी युद्ध जारी है, और इसका अंत होता नहीं दिख रहा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रणनीति और जिद ने न केवल यूक्रेन को चुनौती दी है, बल्कि रूस को भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है.
Russia Ukraine War: साल 2022 में शुरू हुआ रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब तीन साल का होने वाला है. इस संघर्ष ने न केवल यूक्रेन को तबाह किया है, बल्कि रूस पर भी गहरी चोटें छोड़ी हैं. साल 2025 शुरू हो गया है, लेकिन इस युद्ध का अंत अब भी अनिश्चित है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जिद और आक्रामक रणनीतियों के चलते यह युद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि रूस ने युद्ध में कुछ बढ़त हासिल की है, लेकिन इसके बदले में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
सैनिकों की भारी हानि से लेकर अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत तक, इस युद्ध ने रूस की नींव को हिला दिया है. लाखों सैनिकों की जानें गई हैं, देश के संसाधन खत्म हो रहे हैं, और आम जनता की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. आइए, जानते हैं कि इस युद्ध का रूस पर क्या असर पड़ा है और यह संघर्ष उसे किस ओर ले जा रहा है.
रूसी सेना को भारी नुकसान
यूक्रेनी कमांडर-इन-चीफ ओलेक्सेंडर सिरस्की का दावा है कि 2024 में रूस ने लगभग 4,27,000 सैनिक गंवाए हैं, जो या तो घायल हुए या मारे गए. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 2024 में रूस को 4,30,790 सैनिकों का नुकसान हुआ. यह आंकड़ा करीब 36 रूसी मोटराइज्ड राइफल डिवीजनों के बराबर है.
यूक्रेन का दावा
यूक्रेन का दावा है कि केवल 2024 में ही रूस को जितना नुकसान हुआ, उतना 2022 और 2023 में नहीं हुआ था. आंकड़ों के अनुसार, 2024 में हर दिन रूस को औसतन 1,180 सैनिकों का नुकसान हुआ.
छोटी जीत, लेकिन बड़ी मुश्किलें
अमेरिकी थिंक टैंक "इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर" (ISW) ने अपने अध्ययन में बताया कि 2024 रूस के लिए बेहद कठिन साल रहा. भले ही रूस ने यूक्रेन के कुछ इलाकों पर कब्जा किया हो, लेकिन यह जीत ज्यादा प्रभावी नहीं है. 2024 में रूस ने केवल चार मध्यम आकार की बस्तियों - अवदिवका, सेलीडोव, वुहलदार और कुराखोव - पर कब्जा किया. विशेषज्ञों का मानना है कि डोनेट्स्क क्षेत्र पर पूरी तरह कब्जा करने में रूस को और दो साल लग सकते हैं.
आर्थिक संकट ने बढ़ाई परेशानियां
युद्ध के कारण रूसी अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा है. पुतिन ने सरकारी खजाने का बड़ा हिस्सा युद्ध में झोंक दिया, जिससे आम जनता पर खर्च करने की गुंजाइश नहीं बची. यूक्रेन की विदेशी खुफिया सेवा के अनुसार, 2024 में रूस में लगभग 15 लाख मजदूरों की कमी दर्ज की गई. बावजूद इसके, पुतिन ने इस समस्या को नजरअंदाज कर सेना में भर्ती को प्राथमिकता दी.