Qatar: कतर की कैद में 8 भारतीय, आखिर क्या है उनका आरोप? जानिए अब तक की पूरी कहानी
Qatar News: कतर की अदालत में बीते दिन गुरुवार 8 भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है. जिससे देशभर के लोग हैरान हो गए है. इस पर भारत सरकार ने कहा है कि...
Qatar News: कतर की अदालत में बीते दिन गुरुवार 8 भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है. जिससे देशभर के लोग हैरान हो गए है. इस पर भारत सरकार ने कहा है कि वह खाड़ी देश के इस निर्णय़ से बेहद हैरान है. भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में सभी कानून विकल्पों पर साझा कर रहा है.
इस बीच एक हैरान कर देने वाली बात ये है कि कतर के साथ भारत के संबध अच्छे माने जाते हैं. लेकिन इसके बाद भी कतर की अदालत में आठ भारतीयों को मौत की सजा सुना दी है. तो आइए जानते है कि आखिर इन 8 भारतीय को क्या कसूर था और क्या काम या फिर किसके लिए करते थे.
क्या है 8 भारतीय का आरोप?
भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मचारी कतर की एक कंपनी में काम कर रहे थे. इन लोगों के ऊपत जासूसी का आरोप है, 30 अगस्त साल 2022 कतर के अधिकारिरों ने जासूसी के आरोपों में 8 सालों भारतीयों को गिरफ्तार किया है. करीब 1 साल ये 8 भारतीय कतर की कैद में है. इनके खिलाफ साल 2023 में 29 मार्च को मुकदमा भी दर्ज हुआ था. भारत को जब भारतीयों से मिलने के लिए राजनयिक पहुंच मिली, कतर की जेल में जाकर भारत के एक राजदूत ने इनसे मुलाकात भी की थी.
कौन हैं 8 भारतीय?
ऐसे में कई लोगों के मन में आठ भारतीयों के नाम के बारें में जानने की इच्छा हो रही हो कि आखिर कौन है वो आठ भारतीय तो आइए जानते है. कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश, है. जो कतर में अभी भी मौत की सजा का सामना कर रहें है. इन्हे कतर की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया है. साथ ही बता दें कि भारत के 8 जवान नौसेना में करीब 20 साल काम किया है.
गरमाई देश की राजनीति
कतर अदालत द्वारा 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाए जाने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "भारतीय नौसेना के आठ वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई है, जिनका अभी तक पता नहीं है. मैंने लोकसभा में पूछा था कि आरोप क्या हैं उनके खिलाफ. यह आश्चर्यजनक है कि जिस तरह से एनडीए-बीजेपी सरकार, मंत्री जयशंकर और उनके मंत्रालय ने इस मुद्दे को संभाला है. अगर इन 8 लोगों को कुछ हुआ तो उनका खून एनडीए-बीजेपी सरकार के हाथों में होगा.''